लखनऊ , अक्टूबर 14 -- उत्तर प्रदेश में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। राज्य के 51 जिलों के 782 फाइलेरिया प्रभावित ब्लॉकों में से 544 ब्लॉकों (70 फीसद) में संक्रमण दर 1 प्रतिशत से नीचे आ गई है। शेष 238 ब्लॉकों में भी यही लक्ष्य प्राप्त करने के प्रयास जारी हैं।

लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन के दौरान अपर मुख्य सचिव-स्वास्थ्य अमित कुमार घोष ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और स्थानीय समुदाय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त राज्य बनाने के लक्ष्य की दिशा में मिशन मोड में कार्य कर रहा है।

कार्यशाला में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 25 अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मी सम्मानित किए गए। इनमें 11 आशा, 3 एएनएम, 8 सीएचओ, 1 आशा संगिनी, 1 वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक और 1 सहायक मलेरिया अधिकारी शामिल थे। एनसीवीबीडीसी की निदेशक डॉ. तनु जैन ने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मी लगातार उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।

राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ. ए.के. चौधरी ने बताया कि अभियान का उद्देश्य प्रभावित क्षेत्रों में हर व्यक्ति को प्रतिवर्ष एंटी-फाइलेरिया दवा उपलब्ध कराना है। वहीं एनसीवीबीडीसी के वरिष्ठ सीएमओ डॉ. सुदर्शन मंडल ने पश्चिम बंगाल के नवाचार साझा करते हुए कहा कि सभी राज्य अनुभव साझा कर सीखने की प्रक्रिया को और तेज़ करें।कार्यशाला में भारत सरकार, राज्य सरकारों, चिकित्सा महाविद्यालयों, गेट्स फाउंडेशन, पीसीआई, पाथ, डब्ल्यूजेसीएफ और सीफार सहित कई संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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