श्री मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की सोच ने मुझे बहुत प्रभावित किया है और ये बहुत अच्छी बात है कि हर परिवार की एक महिला को इस योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना की सबसे अच्छी बात है कि शुरुआत में 10000 प्राप्त करने के बाद यदि कोई महिला इन रुपयों का सही उपयोग करते हुए अपने लिए रोजगार पैदा करती है तो आगे रोजगार को बढाने के लिए दो लाख तक की वित्तीय सहायता और दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कारोबार और कॉर्पोरेट दुनिया की भाषा में इसको सीड मनी कहते हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना की मदद से बिहार की महिलाएं किराना, बर्तन, कॉस्मेटिक, खिलौने, स्टेशनरी जैसी अनेक प्रकार की दुकानें खोल सकती है और अपना कारोबार कर सकती है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा महिलाएं गौ, मुर्गी, बकरी और मछली पालन कर भी रोजगार के अवसर तलाश सकती है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों के लिए जरूरी ट्रेनिंग की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से की जा रही है।श्री मोदी ने कहा कि बिहार में पहले से ही जीविका सेल्फ हेल्प ग्रुप की बेहतरीन व्यवस्था मौजूद है और लगभग 11 लाख स्वयं सहायता समूह यहां काम कर रहे हैं, यानी एक यहां एक जमी जमाई व्यवस्था पहले से तैयार है। उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरुआत में ही जीविका निधि साख सहकारी संघ शुरू किया गया था और अब इस व्यवस्था की ताकत मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के साथ जुड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना केंद्र सरकार की लखपति दीदी अभियान को भी नई मजबूती देगी। वर्त्तमान में केंद्र सरकार ने देश में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है जिसमे से दो करोड़ से अधिक बहने अब तक लखपति दीदी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि अपनी मेहनत से महिलाओं ने गांव बदले हैं, समाज बदला है और इसके साथ ही परिवार में उनका रुतबा भी बदला है। उन्होंने कहा कि प्रगति बता रही है कि शीघ्र ही देश की सबसे ज्यादा लखपति दीदी बिहार से होंगी।

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