देहरादून , अक्टूबर 11 -- उत्तराखंड के देहरादून के गढ़ी कैंट के जसवंत सिंह ग्राउंड में शनिवार को आयोजित ''देवभूमि मेगा पूर्व सैनिक रैली'' में देश के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और राज्य के सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने प्रतिभाग किया और संयुक्त रूप से वार वूंडेड संस्था की ओर से 14 दिव्यांग पूर्व सैनिकों को स्कूटर वितरित किए। साथ ही 20 वीर नारियों तथा उत्कृष्ट कार्य कर रहे भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित भी किया गया।

इसके अलावा, सैनिक कल्याण विभाग द्वारा उत्तराखण्ड सब एरिया को उपनल द्वारा वित्त पोषित गोल्फ कार्ट भी प्रदान किए गए। उत्तराखण्ड सब एरिया द्वारा आयोजित इस रैली में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने पूर्व सैनिकों के राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड, जो ''वीरों की भूमि'' है, ने हर युद्ध और संकट में अपनी वीरता से राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र सेनाएं आज तेजी से आधुनिक युद्ध प्रणाली और तकनीक की ओर बढ़ रही हैं। हम एक शांतिप्रिय राष्ट्र हैं लेकिन अपनी संप्रभुता पर किसी भी प्रकार का खतरा बर्दाश्त नहीं करेंगे।

जनरल चौहान ने पूर्व सैनिकों की सराहना करते हुए कहा कि वे राष्ट्र की सीमा पर वो आँखें हैं, जो राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों की निस्वार्थ सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण की सराहना की और युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि देहरादून सैन्य स्टेशन में इंटीग्रेटेड वेटरन्स वेलनेस एंड सेवा केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह केंद्र पूर्ण रूप से तकनीक आधारित और पूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए समर्पित होगा। उन्होंने मुख्यालय उत्तराखण्ड सब एरिया पर इस परियोजना को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने का विश्वास जताया।

कार्यक्रम में राज्यपाल सिंह ने आयोजन को "ऐतिहासिक" बताते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों का एकत्र होना गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों का त्याग, अनुशासन और देशप्रेम हमारे समाज के लिए अमूल्य प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि जो संस्कार और अनुशासन आप सभी ने अपने जीवन में स्थापित किए हैं, वे आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम आपके योगदान को सदैव स्मरण रखें और समाज के हर वर्ग को यह प्रेरणा दें कि - 'राष्ट्र प्रथम' की भावना से ही भारत विश्व गुरु बनेगा।

राज्यपाल ने वीर नारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि वे स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर अपनी आर्थिकी को सशक्त करें और आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों का आह्वान किया कि वे अपनी नेतृत्व क्षमता, अनुभव, अनुशासन और दृष्टिकोण को समाज के साथ साझा करें, जिससे युवा पीढ़ी को दिशा और प्रेरणा मिले।

राज्यपाल सिंह ने कहा कि राजभवन में पूर्व सैनिकों की शिकायतों के समाधान हेतु एक शिकायत निवारण अधिकारी की तैनाती की गई है, जो उनकी समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के लिए राजभवन के दरवाजे सदैव खुले हैं।

इस अवसर पर श्री जोशी ने कहा कि सरकार सेवारत और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर है।

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