गांधीनगर , अक्टूबर 11 -- गुजरात की पंचायतें 'समरस से समृद्ध' हो रहीं हैं, 24 वर्षों में 15,500 पंचायतें "समरस" बनी और 351 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान मिला है।
सरकारी सूत्रों ने राज्य में मनाये जा रहे विकास सप्ताह (पंचायती राज दिवस) पर शनिवार को बताया के नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही दिनों में 29 अक्टूबर 2001 को गुजरात में समरस ग्राम योजना को लागू किया गया था, जिसने आज गुजरात के ग्रामीण और पंचायत व्यवस्था का कायापलट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य की 'समरस ग्राम योजना' ग्रामीण लोकतंत्र का सफल मॉडल है, जिसमें ग्राम के सभी वार्ड सदस्य और सरपंच सर्वसम्मति से निर्विरोध चुने जाते हैं। इससे चुनाव में समय और संसाधन बचते हैं और विकास कार्य तेजी से होते हैं।
निर्विरोध पंचायतें 'समरस ग्राम पंचायत' कहलाती हैं और यदि सभी सदस्य महिलायें हों तो "महिला समरस ग्राम पंचायत"। समरस ग्रामों को राज्य सरकार की ओर से विकास कार्यों के लिए सामान्य आवंटन से अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाती है जिससे उनके यहां बुनियादी सुविधायें बेहतर हों। पिछले 24 वर्षों में राज्य सरकार ने समरस पंचायतों को 351.20 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान दिया है, जिसमें हाल ही में डेढ़ गुना की वृद्धि भी की है।
2001 से अब तक 15,553 ग्राम पंचायतें "समरस" 828 महिला समरस पंचायतें बनीं हैं। पंचायत विभाग के एडिशनल डेवलपमेंट कमिश्नर और विकास सप्ताह के तहत पंचायत विभाग दिवस के लिए स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. गौरव दहिया ने कहा, "तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गयी समरस ग्राम योजना ने गुजरात के ग्रामीण विकास और पंचायत व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाया है। यह योजना आज राज्य में अत्यंत लोकप्रिय है, क्योंकि इससे ग्रामीण पंचायतों को विकास कार्यों के लिए सामान्य आवंटन से अतिरिक्त राशि मिलती है। अब तक 15,553 ग्राम पंचायतें समरस बनी हैं, जिनमें 828 महिला समरस पंचायतें शामिल हैं।"इस विकास सप्ताह में पंचायत विभाग के 24 वर्षों के कार्यों के उत्सव के संदर्भ में डॉ. गौरव दहिया ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। उन्होंने कहा, "विकास सप्ताह के अंतर्गत आज यानी 11 अक्टूबर को राज्य सरकार द्वारा विकास रथ के विशेष आयोजन से तीन प्रमुख गांवों में कार्यक्रम होने जा रहा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण जीवन में बदलाव लाना और योजनाओं के लाभ सीधे पहुंचाना है। इसके अलावा, राज्य के 34 जिलों में भी नौ दिनों तक विशेष कार्यक्रमों का भी आयोजन होने जा रहा है, जिसमें तीन चरणों में कुल 918 कार्यक्रम होंगे। इसमें विभिन्न विभागों के लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिया जायेगा और विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया जायेगा।"पंचायत विभाग के एडिशनल डेवलपमेन्ट कमिश्नर डॉ. गौरव दहिया के अनुसार, आज गुजरात लाइवलीहुड प्रमोशन कंपनी लिमिटेड (जीएलपीसी) द्वारा सखी मंडलों के उत्कृष्ट कार्यों के सम्मान में विशेष कार्यक्रम में राजकोट से दो, अमलेरी, मोरबी और जूनागढ़ से एक-एक सखी मंडल को भी पुरस्कृत किया जा रहा है। साथ ही, इस अवसर पर गुजरात की विभिन्न सखी मंडलों के उत्पादों और उनके कार्यों के स्टॉल्स का प्रदर्शन भी हो रहा है।
साथ ही, आज के ही दिन स्वच्छता ही सेवा अभियान में उत्कृष्ट योगदान देने वाले जिलों को भी सम्मानित किया जा रहा है, जिसमें आदिजाति जिले में डांग, नॉन-ट्राइबल जिले में अहमदाबाद, श्रेष्ठ तहसील में खेडा, श्रेष्ठ ग्राम पंचायत में नवसारी, श्रेष्ठ ग्राम में भरुच, श्रेष्ठ शाला में राजकोट, श्रेष्ठ सखी मंडल में साबरकांठा और श्रेष्ठ सार्वजनिक शौचालय में भावनगर को पुरस्कार देने का आयोजन है।
उल्लेखनीय है कि सात अक्टूबर 2001 को श्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर प्रशासन के माध्यम से जनसेवा की प्रेरणादायक यात्रा शुरू की, जो इस वर्ष 24 वर्षों का गौरवपूर्ण पड़ाव पूरा कर रही है। इसी अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार सात से 15 अक्टूबर तक राज्यव्यापी 'विकास सप्ताह' मना रही है, जिसमें से आज का दिन यानी 11 अक्टूबर पंचायती राज व्यवस्था और ग्राम स्तर पर सहभागिता को समर्पित है।
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