लखनऊ , दिसम्बर 21 -- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले "वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया" पनपता था, जिसके कारण सहकारिता क्षेत्र बर्बाद हो गया था और किसानों की हजारों करोड़ रुपये की पूंजी फंस गई थी। उन्होंने बताया कि जिन 16 कोऑपरेटिव बैंकों के लाइसेंस जब्त हो गए थे, उनमें फंसे 4700 करोड़ रुपये किसानों को धीरे-धीरे वापस कराए गए। अब समय आ गया है कि "वन डिस्ट्रिक्ट वन कोऑपरेटिव बैंक" की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जाएं।

रविवार को लखनऊ में आयोजित युवा सहकार सम्मेलन एवं यूपी को-ऑपरेटिव एक्सपो-2025 का भव्य शुभारंभ शनिवार को हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सहकारिता क्षेत्र को उत्तर प्रदेश और देश की आर्थिक मजबूती का अहम स्तंभ बताया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि "सहकार से समृद्धि" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है। इसी विजन को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री ने देश में पहली बार सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। पहले यह कृषि मंत्रालय के अंतर्गत एक छोटा सा आयाम था, लेकिन अब स्वतंत्र मंत्रालय के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के अमित शाह पहले सहकारिता मंत्री के रूप में सहकारिता आंदोलन को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर उत्तर प्रदेश में पहली बार बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। 'रन फॉर कोऑपरेशन' में सहकारिता क्षेत्र से जुड़े हजारों लोगों ने भाग लिया। 21 मार्च 2025 को यूपी स्टेट कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड की एजीएम में स्टेकहोल्डर्स को 76 करोड़ रुपये का ऑनलाइन लाभांश वितरित किया गया। वहीं 6 जुलाई 2025 को केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के चौथे स्थापना दिवस पर 266 ड्रोन दीदी को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में भंडारण, ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सहकारिता के माध्यम से व्यापक परिवर्तन देखने को मिला है। भारत सरकार की योजनाओं के तहत कोटवा पांडे एम-पैक्स द्वारा 1500 मीट्रिक टन क्षमता का गोदाम बनाया गया है, जो किसी भी कोऑपरेटिव संस्था द्वारा निर्मित सबसे बड़े गोदामों में शामिल है।

मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे सहकारिता आंदोलन से जुड़कर आत्मनिर्भर भारत और समृद्ध उत्तर प्रदेश के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।

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