नयी दिल्ली , नवंबर 24 -- कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने सोमवार को आतिथ्य उद्योग से आग्रह किया कि वे किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ व्यवस्थित और दीर्घकालिक साझेदारी करें क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उत्पादों की स्थायी और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ये अनिवार्य हैं।

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) द्वारा आयोजित 'एफपीओ-हॉस्पिटैलिटी एंड फार्मर्स बेनिफिट समिट 2025' में श्री चतुर्वेदी ने कहा कि एफपीओ और होटल उद्योग के बीच सीधे संबंध सभी के लिए लाभदायक होंगे। किसानों की आय बढ़ेगी और होटलों को रसायन-मुक्त, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की सुनिश्चित आपूर्ति मिल सकेगी।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश में लगभग 40 हजार एफपीओ सक्रिय हैं, जिनमें से कई स्वाभाविक रूप से स्वच्छ, सुरक्षित और उर्वरक मुक्त कृषि उत्पाद उपलब्ध कराते हैं। यह होटल और रेस्टोरेंट सेक्टर की बढ़ती मांग के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि किसान उल्टे मूल्य प्रणाली से जूझ रहे हैं - वे उत्पाद खुदरा दरों पर खरीदते हैं, लेकिन उत्पादन थोक भाव पर बेचते हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसी साझेदारी से बिचौलियों की भूमिका कम होगी, आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत होंगी, किसानों की आय बढ़ेगी, सकल घरेलू उत्पाद में आतिथ्य उद्योग का योगदान बढ़ेगा और रोजगार सृजन में वृद्धि होगी।

पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक सुमन बिल्ला ने कहा कि "भारत को एक तेज, संगठित और संरचित किसान-होटल साझेदारी ढांचे की जरूरत है। इससे सरकार का विजन तेजी से पूरा होगा, ग्रामीण आजीविका मजबूत होगी और पर्यटन-आधारित मूल्य श्रृंखला को मजबूती मिलेगी।'' एफएचआरएआई के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार जायसवाल ने कहा कि होटल उद्योग एफपीओ से सीधे कृषि उत्पाद खरीदने के लिए तैयार है, बशर्ते आपूर्ति नियमित और गुणवत्ता-आधारित हो।

होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) के महासचिव एम.पी. बेज़बरुआ ने होटल उद्योग को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने की पुरानी मांग दोहराई, जिससे इस क्षेत्र के लिए नये विकास अवसर खुलेंगे।

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