शिमला , दिसंबर 24 -- हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक स्कूल परिसर के पास श्मशान घाट के कथित निर्माण का मामला अब हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में पहुँच गया है। न्यायालय ने इस मामले के संदर्भ में तथ्यों को पता लगाने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने दयानंद मठ और एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। याचिका में श्मशान घाट के चल रहे निर्माण की वैधता को चुनौती दी गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि यह निर्माण स्कूल से मात्र 50 मीटर की दूरी पर और बिना किसी कानूनी अनुमति के कथित तौर पर सरकारी भूमि पर किया जा रहा है।
उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव को व्यापक स्थल निरीक्षण करने और अदालत को एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति गोयल ने डीएलएसए को यह सत्यापित करने का निर्देश दिया कि क्या प्रस्तावित श्मशान घाट वास्तव में एक स्कूल के करीब स्थित है और यदि ऐसा है, तो ऐसे निर्माण के संभावित परिणामों का आकलन किया जाए।
रिपोर्ट में आवासीय क्षेत्रों, जल स्रोतों और अन्य संवेदनशील स्थानों से सटीक दूरी का भी उल्लेख होना चाहिए। अदालत ने डीएलएसए को यह जांचने का निर्देश दिया कि क्या श्मशान घाट का निर्माण कानून के तहत आवश्यक सभी कानूनी मंजूरियां और अनुमतियां प्राप्त करने के बाद किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में यह भी बताया जाना चाहिए कि क्या क्षेत्र में पहले से ही कोई अन्य श्मशान घाट मौजूद है और यदि है, तो उसका स्थान कहाँ है।
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