शिमला , दिसंबर 25 -- हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने हाल ही में न्यूजीलैंड के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) के तहत सेब पर आयात शुल्क कम करने के केंद्र सरकार के फैसले की गुरुवार को आलोचना करते हुए इसे प्रदेश की 5,000 करोड़ रुपये की सेब अर्थव्यवस्था के लिए तगड़ा झटका करार दिया है।

श्री ठाकुर ने कहा कि सेब की खेती हिमाचल प्रदेश की पहाड़ी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और लाखों परिवारों का सहारा है। उन्होंने कहा कि कोई भी नीति जो घरेलू उत्पादकों को कमजोर करती है, वह ग्रामीण आजीविका पर हमला है। सेब पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा उत्पादकों को दिये गये बार-बार के आश्वासन पूरे नहीं हुए हैं।

श्री ठाकुर ने खराब सेब के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के लिए केंद्र की वित्तीय सहायता वापस लेने का मुद्दा भी उठाया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि 2023 के बाद इसे लगभग बंद कर दिया गया था।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 2022-23 के एमआईएस बजट को लगभग 4,000 करोड़ रुपये से घटाकर 2023-24 में सिर्फ़ एक लाख रुपये कर दिया और बागवानों को एक ज़रूरी सुरक्षा कवच से वंचित कर दिया। उन्होंने कहा कि वित्तीय दिक्कतों के बावजूद, हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले तीन सालों में अपने संसाधनों से लगभग 160 करोड़ रुपये जारी किये हैं, ताकि खराब सेब खरीदे जा सकें।

श्री ठाकुर ने कहा कि न्यूज़ीलैंड एफटीए दूसरे सेब निर्यात करने वाले देशों, खासकर अमेरिका, ईरान और अफ़गानिस्तान के लिए भी इसी तरह की छूट का रास्ता खोल सकता है। उन्होंने कहा कि आयातित सेब, जो अक्सर न्यूनतम आयात मूल्य से काफी कम कीमत पर बेचे जाते हैं, एक गंभीर खतरा पैदा करते हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन की लागत लगभग 45 रुपये प्रति किलोग्राम है। अप्रैल-अगस्त की ड्यूटी में छूट की अवधि को गुमराह करने वाला करार देते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल में सेब की कटाई जून के मध्य में शुरू होती है और अगस्त में चरम पर होती है, जिससे बागवानों को कीमतों में गिरावट का खतरा रहता है। उन्होंने इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए विपक्ष के नेता सहित हिमाचल के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं की भी आलोचना की।

मंत्री ने मांग की कि केंद्र सरकार तुरंत शुल्क में कटौती वापस ले, ऊंचे आयात शुल्क बहाल करे, और घरेलू बागवानों की रक्षा के लिए एमआईएस में अपना हिस्सा फिर से शुरू करे।

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