नयी दिल्ली, सितम्बर 30 -- कांग्रेस ने कहा है कि लद्दाख में हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत का मामला गंभीर है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को संवाद का रास्ता अपनाकर शांति बहाल की दिशा में प्रयास करना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे लद्दाख में हिंसा के दौरान गोली लगने से चार लोगों की जान जाने का मुद्दा बहुत गंभीर है। इसमें यह और भी दुखद है कि घटना में एक पूर्व सैनिक की जान चली गई जिसने कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया था और देश के विभिन्न भागों में भारतीय सेना के जाबांज सैनिक के रूप में अपनी सेवाएं दी। उनके पिता भी सैनिक ही थे और पुत्र के मारे जाने की खबर से यह पूर्व सैनिक पिता बहुत आहत है।

श्री खरगे ने हिंसा में पूर्व सैनिक के मारे जाने की खबर पर कहा "लद्दाख का दुःख पूरे देश का दुःख है। शहीद त्सेवांग थरचिन ने कारगिल युद्ध में भारत माता के प्रति अपना कर्तव्य निभाया, बदले में मिला क्या, लद्दाख़ में मोदी सरकार की गोली । पिता भी फ़ौज में थे, बेटा भी फ़ौज में था। गलवान में जब हमारे 20 वीर जवानों ने एलएसी पर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी, तब स्वयं श्री मोदी जी ने चीन को क्लीन चिट थमाई थी । तब उन्हें हमारे जाँबाजों की वीरता की याद न आयी, तो अब क्या ख़ाक आयेगी। जो चीन को क्लीन चिट दे सकते हैं, वो हमारे त्सेवांग थरचिन जैसे वीर जवानों की शहादत का मान क्या रखेंगे। यही है भाजपा का खोखला राष्ट्रवाद।"श्री गांधी ने लद्दाख में प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाओं की न्यायिक जांच कराने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। उन्होंने श्री मोदी पर लद्दाख के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि जो लोग हक की मांग कर रहे हैं, उनको हिंसा से डराने की बजाय उनसे संवाद करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने लद्दाख के एक पूर्व फौजी की पीड़ा का वीडियो भी जारी किया, जिसने देश के विभिन्न हिस्सों में सेवाएं दी और उसका बेटा लद्दाख में हुई गोलीबारी में मारा गया।

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