हल्द्वानी , अक्टूबर 14 -- उत्तराखंड के हल्द्वानी में सोमवार देर रात को आयोजित कुमाऊं द्वार महोत्सव-2025 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति, लोक कला और पारंपरिक धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत ही हमारी पहचान है और सरकार का लक्ष्य इस विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का है,उन्होंने कहा प्रदेश की अस्मिता के रक्षक बनना मेरा दायित्व है क्योंकि लोक संस्कृति ही हमारी आत्मा है.श्री धामी ने बताया कि राज्य में ऑपरेशन कलनेमि के माध्यम से उन तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है जो प्रदेश की संस्कृति और परंपरा के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास करते हैं,उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की संस्कृति ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति है और इसे संरक्षित रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है.मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लोक कलाकारों, हस्तशिल्पियों और पारंपरिक कलाओं से जुड़े लोगों को मंच और प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर प्रयासरत है,उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अपने लोकगीत, लोकनृत्य और पारंपरिक वेशभूषा को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं ताकि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाई मिले।

कार्यक्रम के दौरान स्थानीय कलाकारों ने झोड़ा, चांचरी और छपेली जैसे पारंपरिक लोकनृत्यों की शानदार प्रस्तुतियां दीं, जिनसे दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे,मुख्यमंत्री ने कलाकारों के उत्साहवर्धन के लिए उन्हें मंच पर सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने स्वदेशी अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि जब हम स्थानीय उत्पादों का उपयोग करेंगे, तो हमारे कारीगर, शिल्पकार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सब मजबूत होंगे।

कुमाऊं द्वार महोत्सव में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, कलाकार और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।,कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखण्ड की लोक परंपराओं, हस्तशिल्प और संगीत की झलक देखने को मिली, जिससे पूरे परिसर में संस्कृति और उत्सव का माहौल बन गया।

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