नैनीताल , दिसंबर 29 -- उत्तराखंड सरकार हल्द्वानी के दमुवाढूंगा में देवखड़ी नाले पर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई से पहले उन्हें सुनवाई का पर्याप्त मौका देगी और उनका पक्ष सुनने के बाद ही कार्रवाई अमल में लायेगी।

न्यायमित्र अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह की ओर से यह बात सोमवार को मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर की अगुवाई वाली खंडपीठ के समक्ष रखी गयी। खंडपीठ की ओर से आज देवखड़ी नाले पर अतिक्रमण के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायमित्र अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि सरकार अतिक्रमणकारियों को सुनवाई का पर्याप्त मौका दे रही है।

उन्होंने बताया कि जनता का पक्ष जानने के लिए विगत 26 दिसंबर को एक जन सुनवाई हो चुकी है। इसमें 140 अतिक्रमणकारियों में से 102 पीड़ितों की ओर से अपना पक्ष रखा गया। इनमें से कुछ लोगों ने अपना दावा प्रस्तुत करने के लिए और समय की मांग की है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमणकारियों का पक्ष जानने के लिए दो और जन सुनवाई की आवश्यकता है।

अंत में अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए सात जनवरी की तिथि मुकर्रर कर दी।

उल्लेखनीय है कि सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गौनिया के पत्र का संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की है।

याचिका में कहा गया है कि हल्द्वानी में तीन पानी से काठगोदाम तक सड़क मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य प्रस्तावित है। देवखड़ी नाले पर अतिक्रमण के चलते चौड़ीकरण का कार्य प्रभावित हुआ है। कुछ व्यावसायिक संस्थानों को फायदा पहुंचाया गया है।

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