नैनीताल , अक्टूबर 07 -- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी दंगा के आरोपियों के जमानत प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए सरकार से चार सप्ताह में आपत्ति मांगी है।
हल्द्वानी दंगा के चार आरोपियों दानिश मलिक, जुनैद, रईश अहमद अंसारी और अयाज अहमद की ओर से उच्च न्यायालय में पृथक-पृथक जमानत प्रार्थना पत्र दायर किये गये हैं। सभी प्रार्थना पत्रों पर न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
आरोपियों की ओर से जमानत की मांग करते हुए कहा गया कि वे निर्दोष हैं। उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। वह लंबे समय से जेल में बंद हैं। अदालत ने सरकार से आरोपियों के जमानत प्रार्थना पत्र पर चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। इन मामलों में अब चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के दौरान इसी साल 08 फरवरी को दंगा भड़क गया था।
आरोप है कि एक विशेष समुदाय के लोगों ने बनभूलपुरा थाना पर हमला कर दिया था और आगजनी के साथ तोड़फोड़ कर दी। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गयी जबकि 100 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गये थे। पुलिस ने लगभग 100 दंगाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इनमें से अधिकांश पर दंगा भड़काने और गैर कानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपित कर दिया था।
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