सोनीपत , अक्टूबर 10 -- हरियाणा के सोनीपत जिले में निजी स्कूल में 5वीं की छात्रा से बुखार में फर्श साफ करवाने के मामले में प्रिंसिपल के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) की धारा 75 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेने के बाद सोनीपत पुलिस कमिश्नर और डीईओ से रिपोर्ट मांगी और उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर बरोदा थाना में स्कूल की प्रिंसिपल के खिलाफ बाल अधिकार कानून धारा के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
रिंढाणा गांव के स्कूल में पढ़ती है स्टूडेंट- घड़वाल गांव की रहने वाली एक महिला ने बरोदा थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी 10 वर्षीय बेटी गोहाना के रिंढाणा गांव के एक निजी स्कूल में पढ़ती है। गत 29 अगस्त को उसकी बेटी वंशिका बुखार के कारण अपना होमवर्क पूरा नहीं कर पाई थी।
महिला का आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल एकता सांगवान ने उनकी बेटी के साथ अमानवीय व्यवहार किया। पुलिस की एफआईआर में बताया गया है कि स्कूल की प्रिंसिपल एकता सांगवान ने बच्ची को यू.के.जी. कक्षा में ले जाकर सभी छोटे बच्चों के सामने पोंछा लगवाया और सबके सामने 'शेम-शेम' कहलवाया। उसके बाद सभी बच्चों के सामने उसे शर्मिंदा किया।
इतना ही नहीं प्रिंसिपल ने धमकी दी कि अगर वह भविष्य में फिर से होमवर्क नहीं करेगी, तो उसे नंगा करके स्कूल में घुमाया जाएगा और उसके बाल काटकर गंजा कर दिया जाएगा।
शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि इस घटना के बाद से उनकी बेटी गहरे सदमे में है। जब भी वे उसे स्कूल भेजने की कोशिश करती हैं, तो वह रोने लगती है और डर से कहती है कि प्रिंसिपल उसे नंगा करके स्कूल में घुमाएगी। महिला ने कहा कि उनकी बेटी का इलाज चल रहा है।
डॉक्टर ने भी बच्ची को सदमे में बताया है और उन्हें स्कूल बदलने की सलाह दी है। मां का कहना है कि बेटी अब स्कूल का नाम सुनते ही डर जाती है और रोने लगती है ।
मां बोलीं,"50 उठक बैठक भी लगवाई- स्टूडेंट की मां ने कहा कि स्कूल की प्रिंसिपल ने काम पूरा न होने के कारण इतनी कठोर सजा दी कि बेटी मानसिक और शारीरिक रूप स परेशान है। पोंछा तो लगवाया ही, 50 उठक बैठक भी लगवा बेटी की हालात ऐसी हो गई है कि वह स्कूल तक नहीं जा सकती। मेरी बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए।"महिला ने घटना की शिकायत स्कूल की डायरेक्टर पूनम नरवाल और प्रिंसिपल एकता सांगवान से की, लेकिन दोनों ने कार्रवाई के बजाय यह कह दिया कि सामाजिक सजा देने से दूसरे बच्चों में अनुशासन का डर पैदा होता है।
महिला ने इसकी शिकायत शिकायत केन्द्रीय शिक्षा मंत्री राज्य मंत्री जयंत चौधरी, हरियाणा के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और जिला प्रशासन सोनीपत को भी भेजी और उसके बाद अब कार्रवाई हुई हुई है। गत 12 सितंबर 2025 को यह शिकायत थाना बरोदा में प्राप्त हुई। पुलिस ने मामले की जांच के लिए स्कूल डायरेक्टर नवनीत नरवाल और अन्य पक्षों को शामिल किया। बाद में सीटीएम सोनीपत के निर्देश पर कथूरा बीईओ जितेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की गई, जिसने 15 सितंबर को स्कूल जाकर दोनों पक्षों से पूछताछ की।
जांच रिपोर्ट नौ अक्टूबर 2025 को तैयार की गई जिसमें यह पाया गया कि प्रिंसिपल एकता सांगवान ने वास्तव में स्टूडेंट को यू.के.जी. के बच्चों के सामने पौंछा लगवाने के लिए कहा था। जब बच्ची ने मना किया, तो प्रिंसिपल ने स्वयं पौंछा लगाकर दिखाया और बच्ची के हाथ में पौंछा थमाया।
बीईओ की जांच और पुलिस की तस्दीक में यह भी पाया गया कि स्कूल डायरेक्टर पूनम नरवाल के खिलाफ लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं थी। जांच केवल प्रिंसिपल के आचरण तक सीमित पाई गई।
जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने धारा 75 जेजे एक्ट 2015 के तहत थाना बरोदा में दर्ज किया। केस की आगे की जांच एएसआई नीता के हवाले की गई है। वहीं एसएचओ बरोदा ने उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी है।
पीड़िता की मां ने कहा,"मेरी बेटी के साथ हुए अमानवीय व्यवहार ने उसके आत्मविश्वास और भविष्य दोनों को तोड़ दिया है। अब वह स्कूल जाने से डरती है। मैं चाहती हूँ कि आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई हो ताकि ऐसी घटना किसी और बच्चे के साथ न दोहराई जाए।"एडवोकेट कुलदीप सिंह सोलंकी ने कहा किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) की धारा 75 ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान करती है। यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे पर अत्याचार करता है या उसकी उपेक्षा करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल और एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
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