चंडीगढ़ , नवंबर 30 -- शिरोमणि अकाली दल की बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने रविवार को केंद्र सरकार और संसद में सदन के नेताओं से धार्मिक आजादी की रक्षा के लिए गुरु जी द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए'' हिंद की चादर'' श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी को उनकी 350वीं शहादत पर श्रद्धांजलि अर्पित करने की अपील की है।

संसद सत्र की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यदि गुरु जी के बलिदान को याद करते हुए उनके आदर्शों को कायम रखने का संकल्प लेकर शीतकालीन सत्र शुरू किया जाए तो यह महान गुरु जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होने बताया कि कैसे गलत तरीके से तैयार किए गए विधेयकों और फैसलों से संघीय ढ़ांचे को कमजोर किया जा रहा है। उन्होने कहा कि चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश बनने का फैसला, जिस पर अब रोक लगा दी गई है यह फैसला राज्य को अलग-थलग कर देगा और इससे शांति खराब होगी।

सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले भी पंजाब विरोधी निर्णय लिए हैं। उन्होने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, जो इस क्षेत्र में ब्यास नदी के जल प्रवाह को नियंत्रित करता है , किसी भी राज्य से सदस्यों के नामांकन की अनुमति देने के लिए नियमों में बदलाव करके गंभीर रूप से कमजोर किया गया है। उन्होने कहा कि इसी तरह केंद्र ने हाल ही में पंजाब यूनिवर्सिटी पर पंजाब के प्रभाव को कम करके सीनेट के चुनावों को समाप्त करके पंजाब यूनिवर्सिटी के चरित्र को बदलने का निर्णय लिया है। उन्होने कहा कि भले ही लगातार आंदोलन के बाद इस फैसले को पलट दिया गया हो , लेकिन इससे पंजाबियों में अलगाव पैदा हो गया है।

सांसद बादल ने नार्को-आतंकवाद के बारे में बात करते हुए कहा कि पूरे बार्डर और आसपास के जिलों को बीएसएफ के नियंत्रण में रखकर इसे रोकने की जरूरत है। उन्होने कहा कि पंजाब पुलिस की एक हालिया रिर्पोट में बताया गया है कि हथियारों और गोला बारूद के साथ-साथ ड्रग की तस्करी में पांच गुणा बढ़ोतरी हुई है। उन्होने कहा,'' ऐसे में केंद्र को सीमाओं को प्रभावी ढ़ंग से सील करने के लिए और अधिक ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है।

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