फलोदी , अक्टूबर 13 -- केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने स्वदेशी को नारा नहीं, इसे राष्ट्रीय संकल्प बताते हुए कहा है कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग आत्मनिर्भरता और स्वदेशी के दर्शन से होकर गुजरता है।

श्री शेखावत सोमवार को फलोदी में भाजपा कार्यकर्ताओं की आत्मनिर्भर भारत कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने न केवल आर्थिक क्षेत्र में, अपितु तकनीकी, रक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले देश पॉलिसी पैरालिसिस और भ्रष्टाचार के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहा था लेकिन मोदी सरकार के निर्णायक फैसलों जैसे नोटबंदी, जीएसटी, डिजिटाइजेशन और पारदर्शी शासन व्यवस्था ने देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। फर्जी राशन कार्डों की पहचान से सरकार को हर साल 24 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई जबकि जीएसटी लागू होने के बाद कर संग्रह 65 हजार करोड़ से बढ़कर 2.34 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संकल्प है। उदाहरण देते हुए शेखावत ने बताया कि कभी भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल आयातक था लेकिन आज हम मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के दूसरे सबसे बड़े निर्यातक बन चुके हैं। एप्पल जैसी कंपनियां भारत में बड़े पैमाने पर मोबाइल निर्माण कर रही हैं, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी सफलता है।

रक्षा उत्पादन और स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की उपलब्धियों का भी उल्लेख करते हुए श्री शेखावत ने कहा कि कोविड महामारी के समय भारत ने न केवल अपने लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन बनाकर मानवता की सेवा की। यह भारत की सामर्थ्य और संवेदना दोनों का प्रतीक है।

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