पटना , अक्टूबर 05 -- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने रविवार को चुनाव आयोग से 18 वीं बिहार विधानसभा चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराने, सभी मतदान केन्द्र पर केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती करने, डाक मतपत्र की पहले गिनती करने और मतदान केन्द्र पर मतदाताओं को आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।

श्री पांडेय ने आज बयान जारी कर कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रकाशित मतदाता सूची संदेह के घेरे में है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के प्रकाशित औपबंधिक मतदाता सूची में 65.64 लाख मतदाताओं के नाम सूची से काट दिया गया था जबकि अंतिम सूची से भी 3,66,772 मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। इस तरह 69 लाख मतदाताओ के नाम सूची से हटा दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि जिन मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं वे सभी मतदाता दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज से आते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने जान बूझ कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर मतदाताओं के नाम सूची से हटाया है।

भाकपा राज्य सचिव ने आरोप लगाया कि आयोग ने सूची में मतदाताओ को शामिल करने में गड़बड़ी की है। उन्होंने कहा कि आयोग ने औपबंधिक मतदाता सूची पर दावा एवं आपत्ति की समय सीमा समाप्त होने के बाद एक सितंबर 2025 को बयान जारी कर कहा था कि सूची में नाम शामिल करने के लिए 16,56,886 आवेदन मिले हैं जबकि अयोग ने अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद 30 सितंबर 2025 को बयान जारी कर कहा कि 21,53,343 मतदाता बढ़े हैं। इससे साफ स्पष्ट होता है कि बिना आवेदन के 4,96,457 मतदाताओं के नाम सूची में शामिल किए गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि आयोग बताए ये पांच लाख मतदाता कौन हैं।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा है कि आयोग 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और उसके बाद होने वाली मतगणना निष्पक्ष कराने की गारंटी दे और अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को हासिल करे।

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