पटना , अक्टूबर 04 -- बिहार योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव के. सेंथिल कुमार ने शनिवार को कहा कि प्रदेश के स्नातक पास युवक - युतियों को मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का लाभ मिलेगा।

श्री कुमार ने आज यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज संयुक्त रूप से राज्य के एक हजार लाभुकों के खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से योजना की राशि भेजकर की है। उन्होंने कहा कि सुशासन के कार्यक्रम 2015-20 एवं राज्य सरकार के सात निश्चय में से एक 'आर्थिक युवाओं को बल' के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता योजना का कार्यान्वयन कराया जा रहा है। इस योजना का शुभारंभ 02 अक्टूबर 2016 को किया गया था। इस योजना के तहत राज्य के 20 से 25 वर्ष आयु वर्ग के 12वीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण बेरोजगार युवक / युवतियां , जो आगे की पढ़ाई नहीं कर सकीं, को रोजगार तलाशने के दौरान दो वर्ष तक ( एक हजार रुपये प्रतिमाह) की दर से सहायता भत्ता की राशि प्रदान की जाती है। राज्य सरकार ने सात निश्चय-2 में भी इस योजना को जारी रखते हुए वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक विस्तारित किया है। ताकि बेरोजगार युवक / युवतियों को इसका लाभ मिल सके।

प्रधान सचिव ने कहा कि राज्य के स्नातक (कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय से) उत्तीर्ण युवक-युवतियों को स्वयं सहायता भत्ता का लाभ देने के लिए पूर्व से संचालित 'मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का पुनर्गठन किया गया है। इस योजना में लाभार्थी 20 से 25 वर्ष के आयु वाले वैसे युवक - युवतियां होते हैं, जो राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, संस्थानों से स्नातक (कला. विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय से) उत्तीर्ण हों और जिन्हें स्वरोजगार, सरकारी, निजी, गैर सरकारी नियोजन (अनुबंध, स्थायी या अस्थायी रूप से) प्राप्त नहीं हो। जो युवा कहीं अध्ययनरत नहीं है तथा रोजगार की तलाश कर रहे हैं, उन्हें भी 1,000/- (एक हजार) रूपये प्रतिमाह की दर से अधिकतम दो वर्षों तक इस योजना का लाभ दिया जाएगा।

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