चेन्नई , अक्टूबर 10 -- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए राज्य भर की लगभग 10,000 ग्राम सभाओं को संबोधित करेंगे।
आमतौर पर दो अक्टूबर को होने वाली ग्राम सभा की बैठकें इस साल पूजा की छुट्टियों के कारण स्थगित कर दी गईं।
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने आज यहाँ पत्रकारों से कहा कि तमिलनाडु के अधिकांश गाँव अब ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। भारतनेट-तमिलनाडु फाइबरनेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टैनफिनेट) ने 11,100 गाँवों में फाइबर कनेक्शन स्थापित किए हैं, जिनमें से 10,000 गाँवों में सत्यापित कनेक्टिविटी है। यह पहल राज्य के डिजिटल शासन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
उन्होंने कहा कि इस बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम प्रतिनिधियों से जुड़ेंगे जिसका सीधा प्रसारण 10,000 से अधिक ग्राम सभाओं में किया जाएगा।
इन बैठकों के दौरान मुख्यमंत्री ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) नेटवर्क का उपयोग करके वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चयनित ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे। यह बातचीत 10,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में लाइव स्ट्रीम की जाएगी, जो राज्य के फाइबर नेटवर्क का अब तक का सबसे बड़ा एकल उपयोग होगा।
उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने गाँवों के लिए शीर्ष तीन प्राथमिकता आवश्यकताओं, जैसे जल आपूर्ति, सड़क अवसंरचना और स्ट्रीट लाइटिंग की पहचान करते हुए प्रस्ताव पारित करें। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निगरानी और त्वरित कार्रवाई के लिए इन प्रस्तावों को एक ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक स्थानों से जाति-आधारित अपमानजनक नामों को हटाने और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सहायता के लिए आर्थिक रूप से वंचित परिवारों की पहचान करने पर भी चर्चा होगी।
आईटी और डिजिटल सेवा मंत्री पीटीआर पलानीवेल त्यागराजन ने कहा कि यह टैनफिनेट नेटवर्क के लिए पहला राज्यव्यापी कनेक्टिविटी परीक्षण होगा। उन्होंने बताया कि भारतनेट परियोजना का क्रियान्वयन केंद्र सरकार के सहयोग से टैनफिनर द्वारा किया जा रहा है और इस परियोजना का उद्देश्य राज्य की 12,525 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क से जोड़ना है।
अब तक इस परियोजना के अंतर्गत 11,800 गाँवों को शामिल किया जा चुका है, जिनमें से 10,000 गाँवों के लिए दो-तरफ़ा संचार के माध्यम से पूरा नेटवर्क तैयार कर लिया गया है।
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