नयी दिल्ली , नवम्बर 29 -- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सिविल सेवकों से सैनिकों की तरह राष्ट्र हित में हर परिस्थिति में अपनी भूमिका का निर्वहन करने का आह्वान करते हुए ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण दिया और कहा कि यह 'नागरिक-सैन्य समन्वय' का उत्कृष्ट उदाहरण है जिसमें प्रशासनिक तंत्र ने ऑपरेशन से पहले लोगों को 'मॉक ड्रिल' के माध्यम से जागरूक कर महत्वपूर्ण योगदान दिया। श्री सिंह ने शनिवार को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 100 वें 'फाउंडेशन कोर्स' के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया। उन्होंनेऑपरेशन से पहले प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की भी सराहना की और कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी के माध्यम से पूरे देश में 'मॉक ड्रिल' के सफल संचालन को सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए शासन व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच बेहतर तालमेल जरूरी है।

रक्षा मंत्री ने सरकार के 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' और 'सुधार, प्रदर्शन और बदलाव' मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लक्ष्यों को तेजी से हासिल करने में सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, "2014 में हमारी सरकार बनने के समय आर्थिक आकार के आधार पर भारत 11वें स्थान पर था। पिछले 9-10 वर्षों में हम चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं। आज प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थान भी कह रहे हैं कि अगले दो-तीन वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आप प्लेटोनिक गार्जियन नहीं, जनता के सेवक हैं। आपका चरित्र निष्कलंक होना चाहिए और आचरण ईमानदारी से परिपूर्ण।" उन्होंने अधिकारियों से जिम्मेदारी और जवाबदेही की भावना के साथ कार्य करने का आग्रह किया। श्री सिंह ने युवा सिविल सेवकों से आग्रह किया कि वे प्रौद्योगिकी-प्रधान युग में नवाचार करते हुए जनता की समस्याओं के समाधान खोजें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सिविल सेवकों के रूप में उन्हें प्रत्येक नागरिक से सहानुभूति और समझ के साथ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, "जब अधिकारी समाज के वंचित वर्गों से संवाद करते हैं, तो उन्हें समझना चाहिए कि लोगों की कठिनाइयां व्यापक सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों से भी प्रभावित होती हैं।"रक्षा मंत्री ने सिविल सेवाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा की पिछली परीक्षा में एक महिला उम्मीदवार ने शीर्ष स्थान हासिल और शीर्ष पांच में से तीन स्थान महिलाओं ने हासिल किए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 2047 तक कई महिलाएं कैबिनेट सचिव जैसे शीर्ष पदों पर पहुंचकर भारत के विकास की यात्रा को आगे बढ़ाएंगी।

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