पटना , अक्टूबर 12 -- कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दूबे ने रविवार को पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में केंद्र सरकार पर सूचना के अधिकार कानून को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर, 2005 को कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की ओर से पारित किया गया यह कानून देश को सशक्त और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था, लेकिन 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के सत्ता में आने के बाद से इसे लगातार कमजोर किया जा रहा है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री दूबे ने कहा कि 2019 में केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन के तहत सूचना आयुक्तों के कार्यकाल और सेवा शर्तों को केंद्र सरकार के अधीन कर दिया गया, जिससे आयोग की स्वायत्तता प्रभावित हुई। इसके बाद डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट के तहत यह प्रावधान जोड़ दिया गया कि व्यक्तिगत डाटा चाहे वह लोकहित में क्यों न हो, सूचना के अधिकार के तहत साझा नहीं किया जा सकता।
श्री दूबे ने यह भी बताया कि पिछले 11 वर्षों में 7 बार मुख्य सूचना आयुक्त का पद रिक्त रहा है और वर्तमान में 11 में से दो सूचना आयुक्तों के पद खाली है। आयोग के पास 4 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। इसके अलावा, विस्सल ब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट को अब तक लागू नहीं किया गया है।
बिहार की स्थिति को अत्यंत चिंताजनक बताते हुए श्री दूबे ने कहा कि राज्य में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पूरी नहीं की गई है। वर्ष 2017-18 के बाद से आयोग ने वार्षिक प्रतिवेदन जारी करना बंद कर दिया है जो जवाबदेही के लिये आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि, 'बिहार में सूचना पाने के लिये नागरिकों को औसतन पांच साल का इंतजार करना पड़ता है। यहां 25,000 से अधिक शिकायतें लंबित हैं, जबकि हाल ही में 11,000 शिकायतें वापस कर दी गईं। इससे सूचना के अधिकार कानून की प्रभावशीलता पर प्रश्नचिह्न लगते हैं।'राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री दूबे ने आरोप लगाया कि बिहार में सूचना मांगने वाले कई नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि, 'राज्य सरकार सूचना के अधिकार से जुड़े कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।'उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार न तो पारदर्शिता को बढ़ावा दे पा रही है और न ही नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कर पा रही है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसी सरकार को बदलने का आह्वाहन किया।
इस मौके पर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश राठौड़ समेत कई अन्य नेता भी मौजूद थे।
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