नयी दिल्ली , नवंबर 28 -- उच्चतम न्यायालय ने युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) नेता एवं पूर्व विधायक पिन्नेली रामकृष्ण रेड्डी और उनके भाई पिन्नेली वेंकटरमी रेड्डी को तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में केस डायरी हासिल करने के लिए कड़ी फटकार लगाई तथा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सख्ती से सवाल किया कि आरोपी इस स्तर पर इतने संवेदनशील जांच सामग्री को प्राप्त करने में कैसे कामयाब रहे। न्यायालय ने कहा कि यह स्थिति गंभीर उल्लंघन को दर्शाती है।

न्यायमूर्ति संदीप मेहता ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए आरोपियों से कहा, "वापस जेल जाइए। आपकी हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। आरोपियों की पहुंच देखकर हमें आश्चर्य है। आपको केस डायरी कैसे मिली? यह अस्वीकार्य है।"पिन्नेली भाइयों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे और शोएब आलम पेश हुए। उन्होंने दावा किया कि दस्तावेज़ कानूनी रूप से प्राप्त किए गए थे, लेकिन पीठ ने इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति मेहता ने इस कृत्य को सीधे-सीधे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ बताते हुए टिप्पणी की कि ऐसा प्रतीत होता है कि केस डायरी 'प्लेट में परोस कर दी गई हो।

शीर्ष न्यायालय ने संरक्षण का कोई आधार न पाते हुए अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया और आरोपियों को दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का समय दिया।

गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने 2024 में पिन्नेली रामकृष्ण रेड्डी को मतगणना केंद्र के पास के क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने नंबूरी शंकर राव द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका ( एसएलपी) में यह आदेश पारित किया था, जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अंतरिम अग्रिम जमानत को चुनौती दी गई थी।

शीर्ष न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को नुकसान पहुंचाने के आरोपी पिन्नेली को अग्रिम जमानत देने के आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले की आलोचना की थी और इसे 'त्रुटिपुर्ण एवं अनावश्यक' बताया था।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित