सुपौल, सितम्बर 29 -- जिला परिवहन पदाधिकारी, सुपौल ने जिले के सभी वाहन विक्रेताओं को सूचित किया गया है कि मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 39, 192 एवं 207 के अंतर्गत बिना पंजीकरण कराए किसी भी वाहन का उपयोग, विक्रय अथवा हस्तांतरण करना पूर्णतः अवैध एवं दंडनीय अपराध होगा।
इस संदर्भ में परिवहन विभाग, बिहार, पटना एवं परिवहन आयुक्त, बिहार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के आलोक में सभी वाहन विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे अपने प्रतिष्ठान से किसी भी वाहन की बिक्री के बाद शोरूम से तब तक बाहर जाने की इजाजत है दें जब तक उस वाहन का वैध अस्थायी अथवा स्थायी पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) उपलब्ध न हो।
परिवहन कार्यालय को सूचना मिली थी कि कुछ विक्रेता बिना पंजीकरण कराए ही वाहन का हस्तांतरण कर देते है, जिससे एक ओर जहाँ नियमो का उलंघन हो रहा था, वहीं दूसरी ओर सड़क सुरक्षा एवं विधि-व्यवस्था की गंभीर समस्याएँ भी उत्पन्न हो रही हैं। मोटरयान अधिनियम की धारा 39 के अनुसार कोई भी वाहन बिना पंजीकरण सार्वजनिक स्थान पर नहीं चल सकता। इसी प्रकार धारा 192 में प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण वाले वाहन का उपयोग करता है तो उस पर जुर्माना एवं कारावास दोनों का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त धारा 207 के तहत ऐसे वाहनों को जब्त करने का अधिकार परिवहन विभाग एवं पुलिस विभाग को प्राप्त है।
इस संबंध में परिवहन विभाग ने स्पष्ट रूप से यह निर्देश जारी किया है कि जिले के सभी वाहन विक्रेता बिना वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र के किसी भी वाहन का विक्रय या हस्तांतरण नहीं करें। जिन वाहनों का पंजीकरण अभी तक लंबित है, उन सभी आवेदनों का शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही प्रत्येक विक्रेता यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके द्वारा की गई बिक्री से संबंधित लंबित आवेदनों का विवरण प्रतिमाह की अंतिम तिथि तक मासिक प्रतिवेदन के रूप में जिला परिवहन कार्यालय को उपलब्ध कराया जाए।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित