लखनऊ , नवम्बर 25 -- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सीमापारीय साइबर अपराध नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए इसके मुख्य फरार ऑपरेटिव विकास कुमार निमार को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी लखनऊ में संचालित एक गैर-कानूनी कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहा था।

सीबीआई ने छापेमारी के दौरान इस कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर उसे ध्वस्त भी कर दिया है।

सीबीआई ने 24 सितंबर 2024 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद सितंबर 2024 में देशभर में की गई व्यापक तलाशी कार्रवाई के दौरान एजेंसी ने पुणे, हैदराबाद और विशाखापत्तनम में संचालित चार गैर-कानूनी कॉल सेंटरों का खुलासा कर उन्हें बंद कराया था। इन कॉल सेंटरों के माध्यम से संदिग्ध अमेरिकी नागरिकों को तकनीकी सहायता के बहाने ठगा जा रहा था।

जांच में सामने आया कि विकास कुमार निमार इस नेटवर्क का प्रमुख संचालक था, जिसने पुणे और विशाखापत्तनम में वीसी इंफ्रोमेट्रिक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी कॉल सेंटर स्थापित किए थे। मामला दर्ज होने के बाद से ही वह फरार था। उसकी गिरफ्तारी के लिए सीबीआई ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, पुणे से वारंट भी जारी कराया था।

सीबीआई की टीम ने बीते 20 नवंबर को लखनऊ में विकास कुमार निमार को उसके आवास से दबोच लिया। तलाशी के दौरान उसके घर से 14 लाख रुपये नकद, कई मोबाइल फोन और आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद हुए। इसी दौरान लखनऊ में उसके द्वारा संचालित एक और गैर-कानूनी कॉल सेंटर भी मिला, जो विशेष रूप से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर साइबर धोखाधड़ी कर रहा था। इस कॉल सेंटर से 52 लैपटॉप तथा बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक डिजिटल सामग्री बरामद की गई है, जिनका इस्तेमाल ठगी संचालन में किया जा रहा था।

सीबीआई के अनुसार यह नेटवर्क संगठित, तकनीकी रूप से उन्नत और बहु-राज्यीय स्तर पर सक्रिय था, जो विदेशों में बैठे नागरिकों से ठगी करने के लिए सुनियोजित तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर रहा था।

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