चंडीगढ़ , अक्टूबर 11 -- आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनकी दुखद मृत्यु (आत्महत्या) ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

श्री सिसोदिया ने दुखी परिवार से मुलाकात की और जाति-आधारित ज़ुल्म और प्रणालीगत उदासीनता के कारण एक ईमानदार और प्रतिबद्ध अधिकारी की मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया।

पीड़ित के परिवार से मिलने के बाद श्री, सिसोदिया ने कहा, "मैं अभी-अभी आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार जी के परिवार से मिलकर आ रहा हूँ। वे बहुत ही दुखी हैं। एक सम्मानित परिवार के एक पढ़े-लिखे, योग्य बेटे को आत्महत्या करने के लिए सिर्फ इसलिए मजबूर किया गया क्योंकि वह दलित था। अधिकारियों ने उनके शरीर के साथ जिस तरह व्यवहार किया तथा पुलिस का संदिग्ध व्यवहार और तथ्यों को दबाने की कोशिश बहुत गंभीर सवाल खड़े करती है। यह सच्चाई को छिपाने की जानबूझकर की गई कोशिश है। "सिविल सेवाओं के उच्च पदों पर भी जारी जाति-आधारित भेदभाव की निंदा करते हुए श्री, सिसोदिया ने कहा कि यह त्रासदी गहरी जड़ों वाले पूर्वाग्रह और अन्याय को उजागर करती है जो दलित अधिकारियों और नागरिकों को लगातार दबा रही है। उन्होने कहा "अगर एक दलित आईपीएस अधिकारी को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा सकता है और अगर भारत के मुख्य न्यायाधीश पर उनकी जाति के कारण जूता फेंका जाता है, तो कल्पना कीजिये एक आम दलित नागरिक की रोज़ाना की वास्तविकता क्या होगी। यह बहुत ही शर्मनाक है कि 21वीं सदी में, जब दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से आगे बढ़ रही है, भारत की सत्तारूढ़ लीडरशिप हमें जात-पात के अंधेरे में वापस धकेल रही है।"आप नेता ने केंद्रीय एजेंसियों और राजनीतिक अधिकारियों की चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए आईपीएस वाई. पूरन कुमार की मौत की तत्काल और पारदर्शी जाँच समेत मामले को दबाने के लिए ज़िम्मेदार लोगों की पहचान कर सख्त सजा देने की माँग की।

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