अमृतसर , दिसंबर 24 -- श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार समिति, सिख युवा संघ भिंडरावाला, सिख सद्भावना दल और अन्य संगठनों के नेताओं ने बुधवार को पुलिस उपाधीक्षक और एसआईटी के सदस्य रविंदर सिंह संधू को अमृतसर पुलिस आयुक्त को संबोधित ज्ञापन सौंपकर लापता हुए 328 पवित्र स्वरूपों के दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
इस अवसर पर सत्कार समिति के अध्यक्ष भाई सुखजीत सिंह खोसे, भाई तरलोचन सिंह सोहल, सिख युवा संघ भिंडरांवाला के अध्यक्ष भाई रणजीत सिंह दमदमी टकसाल, भाई निशान सिंह सियालका और भाई स्वरूप सिंह भुचर ने संयुक्त रूप से कहा कि शिरोमणि समिति के प्रबंधन से लापता हुए व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए सिख समुदाय को पांच साल तक संघर्ष करना पड़ा। अब जब उच्च न्यायालय के आदेश और भाई बलदेव सिंह वडाला के प्रयासों से मामला दर्ज हो गया है, तो पुलिस प्रशासन उन दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रहा है? उन्होंने कहा कि सरकार को केवल मामले को दबाने के बजाय दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और सिख समुदाय को न्याय दिलाना चाहिए।
सिख संगठनों ने कहा कि नवगठित एसआईटी को इस मामले में देरी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सिख समुदाय पहले ही बहुत कुछ झेल चुका है। नेताओं ने कहा कि जिस तरह बादलों ने बरगाड़ी बेअदबी कांड के दोषियों को बचाया, उसी तरह शिरोमणि कमेटी 328 स्वरूपों के दोषियों को बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रति सम्मान को भुला दिया है और बादल परिवार की राजनीति के तहत गलत बयान दे रही है।
नेताओं ने यह भी कहा कि 24 अक्टूबर, 2020 को शिरोमणि कमेटी ने 328 पवित्र स्वरूपों के लिए न्याय की मांग कर रहे पंथिक संगठनों के नेताओं औरसंगत को प्रताड़ित किया और उनके बाल, ककार और पगड़ी का अपमान किया, जबकि इसके विपरीत संगठनों के नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किये गये। भाई सुखजीत सिंह खोसे ने कहा कि उनके खिलाफ 302 के दो मामले दर्ज किये गये हैं। उनके और अन्य सभी सिंहों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत रद्द किये जाएं और सिंह युवकों और सिख महिलाओं को पीटने वाले एसजीपीसी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये।
संगठनों के नेताओं ने कहा कि संगत को यह भी बताया जाना चाहिए कि पवित्र स्वरूप किसने, किसे और किसके निर्देश पर दिया, और वे स्वरूप अब कहां और किस हालत में हैं। उन्होंने कहा कि धारा 328 के आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है। सरकार और पुलिस प्रशासन इस गंभीर मामले में शुरू से ही ढिलाई बरत रहे हैं, जिसके कारण आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे बाहर से जमानत लेकर कानून के शिकंजे से बच निकलेंगे।
सत्कार समिति ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि अगर पुलिस प्रशासन तत्काल कार्रवाई नहीं करता और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करता है, तो आने वाले दिनों में प्रशासनिक कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। यह मामला सीधे तौर पर धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है और इस पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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