वाराणसी , दिसंबर 2 -- काशी तमिल संगमम 4.0 की पहली विशेष ट्रेन मंगलवार को कुल 216 प्रतिनिधियों के साथ वाराणसी पहुंची। इस दल में तमिल साहित्य के 50 विशेषज्ञ, 54 सांस्कृतिक विद्वान, शिक्षक, शास्त्रीय गायक, कारीगर, आध्यात्मिक ग्रंथों के आचार्य तथा छात्र शामिल हैं। सभी प्रतिनिधियों को बनारस स्टेशन पर जोरदार स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान आज नमो घाट से संयुक्त रूप से काशी तमिल संगमम 4.0 का उद्घाटन करेंगे। काशी प्रवास के दौरान प्रतिनिधि गंगा के घाटों, प्रमुख धार्मिक स्थलों, शैक्षिक संस्थानों तथा स्थानीय समुदायों के साथ संवाद करते हुए उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक धरोहर, जीवन शैली और आध्यात्मिक विरासत का प्रत्यक्ष अनुभव करेंगे।
कार्यक्रम के अंतर्गत सेमिनार, संवाद सत्र, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, साहित्यिक विमर्श, स्थानीय व्यंजनों व हस्तशिल्प से परिचय जैसी विविध गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। छात्रों को काशी के प्रमुख तमिल धरोहर स्थलों का भी भ्रमण कराया जाएगा, जिनमें महाकवि सुब्रह्मण्य भारती का पैतृक निवास, काशी मदम, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर शामिल हैं।
इस वर्ष काशी तमिल संगमम का विषय "चलो तमिल सीखें - तमिल करकलाम" है, जो यह संदेश देता है कि सभी भारतीय भाषाएं एक ही परिवार की सदस्य हैं। इस पहल का उद्देश्य तमिल भाषा और संस्कृति को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाना तथा राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना है।
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