रायपुर ( छत्तीसगढ़) , दिसंबर 24 -- हिंदी की साहित्यिक परंपरा को वैश्विक पहचान दिलाने वाले प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का बुधवार को यहां मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

अंतिम संस्कार के दौरान उनके पुत्र शाश्वत शुक्ल ने उन्हें मुखाग्नि दी। उल्लेखनीय है कि शुक्ल का मंगलवार शाम 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया था, जिससे हिंदी साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई थी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनके निवास पहुंचकर पार्थिव शरीर को कंधा दिया और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी अंतिम यात्रा में प्रख्यात कवि कुमार विश्वास सहित देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक शामिल हुए।

विनोद कुमार शुक्ल को हाल ही में अति प्रतिष्ठित सम्मान 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे और रायपुर स्थित एम्स में उनका उपचार चल रहा था, जहाँ उन्होंने अंतिम सांस ली।

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