सागर , अक्टूबर 5 -- अब सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में सीटी स्कैन और एमआरआई की जांच कराने के लिए भोपाल या जबलपुर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। यह सभी जांचें अब बीएमसी में उपलब्ध होंगी।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि डॉक्टरों को ईमानदारी और लगन के साथ मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें बेहतर उपचार प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीएमसी की स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सरकार के माध्यम से सुधार हो रहा है और ये अत्याधुनिक मशीनें पूरे बुंदेलखंड के लिए वरदान साबित होंगी।

मंत्री राजपूत ने यह भी कहा कि बीएमसी की पहले की छवि को डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मेहनत और संकल्प से बदला गया है। अब बुंदेलखंड के निवासियों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए दूर के शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने मशीनों के रख-रखाव पर भी जोर दिया ताकि ये वर्षों तक कार्यरत रहें।

विधायक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनों के लोकार्पण से बुंदेलखंड की स्वास्थ्य सेवाओं में नया अध्याय शुरू होगा। उन्होंने बताया कि बीएमसी में जल्द ही प्राइवेट पार्टनरशिप योजना के तहत कैथ लैब की स्थापना की जाएगी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा कैंसर अस्पताल का भूमिपूजन भी शीघ्र होगा।

डीन डॉ. पी.एस. ठाकुर ने स्वागत भाषण में कहा कि कैंसर अस्पताल और कैथ लैब के स्थापित होने से बीएमसी एक जीवनदायिनी केंद्र बनेगा। इस अवसर पर डॉ. अजय गंगवानी, डॉ. ब्रजभान अहिरवार, डॉ. प्रदीप चौहान, डॉ. ज्योति चौहान सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनीष जैन ने किया और आभार डॉ. राजेश जैन ने माना।

मंत्री राजपूत ने सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ से आग्रह किया कि वे अपनी भूमिका का निर्वहन करें और बीएमसी को बुलंदियों तक पहुँचाने में सहयोग करें। सरकार ने बीएमसी की सीट क्षमता 125 से बढ़ाकर 150 की है और इसे 250 सीट तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।

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