नयी दिल्ली , अक्टूबर 15 -- भारतीय नौसेना गुरूवार को यहां " साइबर हमलों का समुद्री क्षेत्र पर प्रभाव और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर उसका प्रभाव" शीर्षक से एक संगोष्ठी का आयोजन करेगी।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में उभरते साइबर खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और साइबर सुरक्षा उपायों को मज़बूत करने के लिए प्रमुख हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है।
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि इसमें राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा ढांचे को मज़बूत करने और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा समुद्री सुरक्षा के व्यापक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे।
संगोष्ठी में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय , राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय , भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड , हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय , भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल , राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र और राष्ट्रीय समुद्री फाउंडेशन सहित विभिन्न मंत्रालयों और संगठनों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के नेतृत्व में पैनल चर्चाएं होंगी। इसमें निजी संगठनों के प्रमुख भी शामिल होंगे।
संगोष्ठी का उद्देश्य सुरक्षित साइबरस्पेस को सुदृढ़ करके सरकार के महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है और स्वदेशी, सुरक्षित-डिज़ाइन डिजिटल प्रणालियों तथा मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वान को मजबूत बनाना है।
'मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030' और 'अमृत काल विज़न 2047' के अनुरूप यह सेमिनार साइबर सुरक्षा को बंदरगाह-आधारित विकास, स्मार्ट लॉजिस्टिक्स, अपतटीय ऊर्जा सुरक्षा और मिशन-महत्वपूर्ण नौसैनिक संचालन के मुख्य प्रवर्तक के रूप में स्थापित करता है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित