साँची , नवंबर 23 -- साँची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में इंडियन सोसायटी फॉर बौद्धिस्ट स्टडीज (आईएसबीएस) के रजत जयंती सम्मेलन का आज उद्घाटन हुआ। उद्घाटन सत्र में आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस और बौद्ध दर्शन के अंतर्संबंधों पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर सम्मेलन में प्रस्तुत होने वाले शोधपत्रों की सार पुस्तिका तथा वर्ष 2018 से 2021 के मध्य हुए आईएसबीएस सम्मेलनों की कार्यवाही पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। सम्मेलन के मुख्य अतिथि व वियतनाम बुद्धिस्ट विश्वविद्यालय के वाइस रेक्टर प्रो. थिक नॉट टू ने भारत-वियतनाम के बीच बौद्ध अध्ययन में साँची विश्वविद्यालय की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। वे आईएसबीएस से सम्मानित होने वाले पहले वियतनामी विद्वान बने।
उद्घाटन सत्र में आईएसबीएस के संस्थापक सचिव और साँची विवि के कुलगुरु प्रो. वैद्यनाथ लाभ, प्रो. एस.पी. शर्मा, प्रो. नीता बिल्लोरिया को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किए गए। वहीं प्रो. सीताराम दुबे को मंजूश्री व कमला देवी जैन सम्मान तथा प्रो. दीनानाथ शर्मा को प्रो. सागरमल जैन प्राच्य विद्या सम्मान से नवाजा गया। प्रो. वैद्यनाथ लाभ को समर्पित अभिनंदन ग्रंथ का भी विमोचन किया गया।
नवनालंदा महाविहार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. सिद्धार्थ सिंह ने एआई के बढ़ते दौर में बौद्ध व भारतीय दर्शन से जुड़े शोधार्थियों को सावधानीपूर्वक इसका उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि तर्क के आधार पर अध्ययन आवश्यक है, क्योंकि इंटरनेट से प्राप्त आधारित जानकारी एआई द्वारा पुनः प्रस्तुत की जाती है।
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