नयी दिल्ली , अक्टूबर 03 -- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सस्ती दरों पर उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन करने तथा उनके बारे में जागरूकता बढाने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि भारत जल्द ही सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में उभरेगा।

डॉ सिंह ने केरल के तिरुवनंतपुर में श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के 'आत्मनिर्भरता के लिए नवाचार-स्वदेशी चिकित्सा उपकरण विकास के साथ स्वास्थ्य सेवा में तेजी-श्री चित्रा का योगदान' विषय पर प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए शुक्रवार को यह बात कही।

उन्होंने श्री चित्रा के कार्यों की सराहना की और कहा कि सस्ते और वह उच्च गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन कर रही है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। उनका कहना था कि स्वदेशी नवाचारों के बारे में जागरूकता फैलाने और उत्पादन बढाने की जरूरत है ताकि सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भारत वैश्विक केंद्र बन सके।

उन्होंने कहा कि श्री चित्रा का काम सराहनीय है इसलिए उसे दिल्ली जैसे केंद्रीय स्थानों पर अपने उपकरणों का प्रदर्शन करना चाहिए। इसमें नागरिक समाज और हितधारकों को शामिल कर उन्हें इस उपकरणों के लाभ के बारे में बेहतर जानकारी दी जानी चाहिए।

डॉ. सिंह ने कहा कि संस्थान पहले ही दो लाख से ज़्यादा मरीज़ों को हृदय वाल्व और लगभग 2,000 मरीज़ों को उन्नत शंट उपलब्ध करा चुका है, जबकि हेमोस्टेसिस पैच जैसे नवाचार आघात और युद्धक्षेत्र देखभाल में महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी उपलब्धियों को अक्सर प्रमुख अस्पतालों में भी कम ही पहचाना जाता है। उन्होंने इन सब चिकित्सा उपकरणों को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने के लिए उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया और कहा कि इस बारे में जागरूकता फैलाने के लिए दिल्ली जैसे शहरों में इनकी प्रदर्शनी लगायी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान ने देश में 'चार टी' यानी शिक्षण -टीचिंग, प्रशिक्षण-ट्रेनिंग, उपचार-ट्रीटमेंट और व्यापार-ट्रेड को मिलाकर एक अनूठा मॉडल तैयार किया है। उनका कहना था कि यह अवधारणा कुछ पश्चिमी देशों में आम है लेकिन घरेलू स्तर पर अपेक्षाकृत नयी है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान न केवल शिक्षा और उपचार प्रदान करता है, बल्कि विनिर्माण के माध्यम से आर्थिक मूल्य भी उत्पन्न कर रहा है।

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