नयी दिल्ली, नवंबर 30 -- केन्द्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को यहां सरस आजीविका फूड फेस्टीवल 2025 का उद्घाटन करेंगें। इस फेस्टिवल में राजधानी के लोगों को एक बार फिर भारतीय संस्कृति व खान पान की झलक दिल्ली की सुंदर नर्सरी में दिखाई देगी।
सरस फूड फेस्टिवल 2025, महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण है जो देश की राजधानी में आयोजित हो रहा है। इसका उद्देश्य न केवल देश की खाद्य संस्कृति से लोगों को परिचित कराना है बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को प्रेरित करना भी है।
फेस्टिवल में 62 स्टॉलों पर क़रीब 300 से ज्यादा लखपति दीदीयां (महिला उद्यमी) व स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं भाग ले रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुख्य कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित देश भर के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को न केवल ग्रामीण उत्पाद बनाने में कुशलता हासिल है बल्कि विभिन्न राज्यों के परंपरागत पकवान बनाने में उनको दक्षता और महारथ हासिल है।
सरस फूड फेस्टिवल में देश के 25 राज्यों की संस्कृति और स्वाद के संगम के संगम से न केवल रूबरू हो सकेंगे बल्कि इन राज्यों के सामाजिक ताने बाने के बारे में भी जान सकेंगे और इन राज्यों के प्रसिद्ध व्यंजनों से भी परिचित हो सकेंगे और उसका स्वाद ले सकेंगे।
सरस फूड फेस्टिवल में 62 स्टॉलों में जहां 50 खाने के स्टॉल होंगे वहीं 12 स्टॉल प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के होंगे। इस बार सरस फूड फेस्टिवल में लोग 500 से अधिक व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे। इसमें मुख्य रूप से हिमाचली सीडडू, उत्तराखंड का तंदूर चाय, जम्मू कश्मीर का मशहूर कलारी कुल्चे, हैदराबादी दम बिरयानी, नॉर्थ ईस्टर्न मोमो, बंगाली फ्राइड मछली समेत राजस्थान की कैर सागरी, गट्टे की सब्ज़ी, बाजरे की रोटी , बंगाल की हिलसा , फ़िश करी , तेलंगाना का चिकन , केरल की मालाबार बिरयानी, बिहार का लिट्टी चोखा , पंजाब का सरसों का साग और मक्के की रोटी सहित अन्य राज्यों के बेहतरीन स्वादिष्ट पकवान उपलब्ध रहेंगे। इसमें हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, असम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और गुजरात सहित अन्य राज्य भी हिस्सा ले रहे हैं।
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