वडोदरा , नवंबर 29 -- केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने राष्ट्रीय पदयात्रा के चौथे दिन शनिवार को गुजरात के वडोदरा में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार पटेल सच्चे राष्ट्र पुरुष थे, जिन्होंने भारत को एकजुट किया।

श्री नड्डा ने सरदार पटेल की विशाल विरासत का उल्लेख करते हुए उन्हें (सरदार पटेल) सच्चा राष्ट्रपुरुष बताया, जिनके नेतृत्व ने एकीकृत भारत की नींव रखी। उन्होंने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत केवल पटेल की कूटनीतिक क्षमता के कारण ही संभव हो पाया है। उन्होंने लंदन में अपनी कानूनी शिक्षा से लेकर अहमदाबाद में उनके शुरुआती नागरिक सुधारों तक पटेल की यात्रा का वर्णन किया। श्री नड्डा ने बारदोली आंदोलन, अहमदाबाद नगर निगम के अध्यक्ष के रूप में सरदार पटेल के प्रभावशाली कार्यकाल और सत्य, न्याय एवं राष्ट्रीय कर्तव्य के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को याद किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी केवल एक स्मारक नहीं है, बल्कि 1.6 करोड़ भारतीयों के लिए एकता का प्रतीक है। उन्होंने सरदार पटेल की विरासत को उचित श्रद्धांजलि देने में भाग लेने के लिए सभी पदयात्रियों को बधाई दी।

राष्ट्रीय पदयात्रा के चौथे दिन आज यश कॉम्प्लेक्स, इस्कॉन मंदिर (गोत्री रोड), बीपीसीएल चार्जिंग स्टेशन, ब्रह्माकुमारीज़ अटलादरा और अटलादरा बीएपीएस मंदिर को शामिल करते हुए भारी उत्साह से शुरू हुआ। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी पदयात्रा में शामिल हुए और प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया और अपनी उपस्थिति से युवाओं को प्रेरित किया। मार्ग के प्रत्येक पड़ाव ने सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों, सामुदायिक भागीदारी और नागरिकों के उत्साही जुड़ाव के माध्यम से एकता की भावना को दर्शाया। अटलादरा बीएपीएस मंदिर में, एक विशेष कहानी खंड, सरदार गाथा आयोजित किया गया, जिसका विषय "सरदार - द जैजलिंग कमांडर" था।

इसमें केंद्रीय युवा कार्यक्रम, खेल एवं श्रम और रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया, श्री नड्डा, विधायक, सांसद और स्थानीय प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। इस मौके पर वडोदरा की महापौर पिंकीबेन नीरजभाई सोनी ने श्री नड्डा का स्वागत किया।

डॉ. मांडविया ने कहा कि गुजरात में राष्ट्रीय पदयात्रा ने राज्य के हर निर्वाचन क्षेत्र को छुआ है और इसमें देश भर से प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एकता मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के संकल्प की प्राप्ति को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "पूरा देश इस मार्च को देख रहा है और प्रधानमंत्री के एकता और सामूहिक प्रगति के दृष्टिकोण की पूर्ति का साक्षी बन रहा है।"नागपुर से शुरू हुई नर्मदा प्रवाह कल आधिकारिक रूप से इस पदयात्रा में शामिल हो गई और मुंबई से रवाना हुई गोदावरी प्रवाह भी रास्ते में है, जो प्रतीकात्मक रूप से सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत के नदी क्षेत्रों को एकजुट कर रही है। स्मृति वन में, सरदार पटेल पर कलाकृतियां बनाने वाले प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को सम्मानित किया गया, और वृक्षारोपण अभियान ने पदयात्रा के पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के संदेश को और पुष्ट किया।

यह मार्च आज शाम तक वडोदरा के नवलखी मैदान पहुंचा, जहां "रियासतों का एकीकरण - राष्ट्र की मौन क्रांति" प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। यह प्रदर्शनी सरदार पटेल द्वारा रियासतों के ऐतिहासिक एकीकरण को प्रस्तुत करती है और युवाओं तथा नागरिकों की महत्वपूर्ण भागीदारी को आकर्षित कर रही है।

दिन का समापन नवलखी मैदान में ग्राम सभा के साथ होगा, जिसमें दयारो प्रदर्शन, सामुदायिक चर्चाएं और सरदार पटेल के आदर्शों की सामूहिक पुनर्पुष्टि शामिल होगी। ग्राम सभा का उद्देश्य सहभागी नागरिकता को बढ़ावा देना और पदयात्रा के एकता, उत्तरदायित्व और राष्ट्रीय गौरव के संदेश को और गहरा करना है।

सरदारएट150 राष्ट्रीय एकता पदयात्रा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ओर बढ़ रहा है, जो सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रति एक शक्तिशाली श्रद्धांजलि के रूप में खड़ा है और साझा उद्देश्य, सामूहिक प्रयास और अमृत पीढी की अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से भारत को एकजुट कर रहा है।

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