नयी दिल्ली , नवंबर 28 -- केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने फिक्की की 98वीं वार्षिक सामान्य बैठक में कहा कि केंद्र सरकार होटल इंडस्ट्री को समन्वयित आधारभूत ढांचा (हार्मोनाइज़्ड इंफ्रास्ट्रक्चर) का दर्जा देने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है। श्री शेखावत के अनुसार, यह फैसला लंबे समय से होटल सेक्टर की मांग रहा है और इसके लागू होने पर बड़े पैमाने पर निवेश आएगा, इसके साथ ही भारत की वैश्विक पर्यटन बाजार में प्रतिस्पर्धा क्षमता भी बढ़ेगी।
श्री शेखावत ने बताया कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक भारत के पर्यटन सेक्टर को 1 लाख करोड़ डॉलर की इंडस्ट्री बनाना और लाखों नए रोजगार सृजित करना है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए निजी निवेश में बढ़ोतरी और नए हॉस्पिटैलिटी मॉडल अपनाना बेहद जरूरी है।
श्री शेखावत ने बताया कि भारत दुनिया के सबसे बड़े पर्यटन विकास कार्यक्रमों में से एक चला रहा है, जिसके तहत 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विभिन्न पर्यटन स्थलों पर काम किया जा रहा है। सरकार चैलेंज-मोड के तहत 50 विश्व-स्तरीय पर्यटन स्थल विकसित कर रही है ताकि राज्यों के बीच बेहतर सुविधाओं और सस्टेनेबिलिटी को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़े।
श्री शेखावत ने कहा कि पिछले दस वर्षों में देश के कनेक्टिविटी आधारभूत ढांचे में बड़ा बदलाव आया है। ऑपरेशनल एयरपोर्ट की संख्या 75 से बढ़कर 127 हो गई है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रूज़ टर्मिनल, नए हाईवे, इनलैंड वॉटरवे, और 23 शहरों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार पर्यटन को नई दिशा दे रहा है। साथ ही काशी, महाकाल, केदारनाथ, पुरी और अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों का कायाकल्प देश के टूरिज्म सेक्टर के लिए बड़ी उपलब्धि साबित हुआ है। उन्होंने 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी को भी भारत की वैश्विक पहचान को मजबूत करने वाला कदम बताया।
फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने बताया कि पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र अभी भारत की जीडीपी में 5.2 प्रतिशत का योगदान देता है और करीब 8.4 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है। उनका मानना है कि यदि सही नीतिगत समर्थन मिला, तो यह इंडस्ट्री 2030 तक 25 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि भारत में संभावनाओं की कमी नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा बड़ा अवसर है जो खुलने का इंतजार कर रहा है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि भारत में अभी केवल 10 लाख अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आते हैं, जबकि फ्रांस में नौ करोड़, स्पेन में 8.4 करोड़ और अमेरिका में आठ करोड़ लोग हर साल पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा भारत की क्षमता को कम नहीं बल्कि एक अनछुए बाजार के बड़े अवसर को दर्शाता है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित