नई दिल्ली, सितंबर 29 -- केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने सोमवार को कहा कि कहा कि ग्राहकों का विश्वास जीतने के लिए उद्योग को गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।

साथ ही उन्होंने बाजार में बिकने वाली वस्तुओं के मानकों को भारतीय परिस्थितियों पर आधारित किए जाने की की वकालत की।

उद्योग मंडल फिक्की द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने उद्योग से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की तकनीकी समितियों के साथ मिलकर काम करने का भी आग्रह किया। ये समितियां मानकों के निर्माण, प्रतिपादन और समीक्षा में अग्रणी भूमिका निभाती हैं।

उन्होंने कहा, " सरकार देश में स्मार्ट मानक पहले ही लागू कर चुकी है। हम अभी भी इन मानकों के प्रसार की वाह्य लागत कम से कम करने के उपायों पर काम कर रहे हैं ताकि मशीनें इन्हें पढ़ सकें और उद्योग का समय बच सके।" उन्होंने एमएसएमई से भी इन मानकों को अपनाने पर विचार करने का आग्रह किया।

सुश्री खरे ने कहा कि उद्योग के लिए उत्पादों की गुणवत्ता और मानकों का पालन करना शुरू करना महत्वपूर्ण है। सरकार विभिन्न सामुदायिक परीक्षण प्रयोगशालाऐं खोलकर इसमें सहयोग कर सकती है। विश्व आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने के लिए हमें गुणवत्ता के प्रति जागरूक होने के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी भी होना होगा, और उद्योग 4.0 इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, सुश्री खरे ने कहा कि इस अवसर पर फिक्की की प्रौद्योगिकी समिति के सह-अध्यक्ष सुप्रकाश चौधरीने कहा कि भारत की उद्योग 4.0 की कहानी तभी पूरी होगी जब हमारे एमएसएमई की बड़ी आबादी इसका हिस्सा बनेगी।

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