तिरुवनंतपुरम , अक्टूबर 12 -- केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) सबरीमाला भक्तों का मजबूती से साथ देने के लिये 14 अक्टूबर से विश्वास संरक्षण जत्था (आस्था संरक्षण मार्च) नाम से राज्यव्यापी अभियान शुरू करेगी।
इस अभियान के जरिये कांग्रेस भगवान अयप्पा मंदिर से कथित सोने की चोरी में न्याय की मांग करेगी और मंदिर की पवित्रता और सदियों पुरानी परंपराओं की रक्षा का आह्वान करेगी।
केपीसीसी कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक पी.सी विष्णुनाथ ने कहा कि अभियान का उद्देश्य लाखों भक्तों की आस्था को वापस लाना और सबरीमाला सोना चोरी मामले के जिम्मेदारों को न्याय के कठघरे में लाना है। उन्होंने जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी केरल के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अखंडता की रक्षा करेगी और सबरीमाला के पवित्र परंपरा को भ्रष्टाचार या उपेक्षा को नजरंदाज नहीं होने देगी।
विश्वास संरक्षण जत्था राज्य के चार क्षेत्रों में 14 अक्टूबर को पलक्कड़, कासरगोड और तिरुवनंतपुरम में और 15 अक्टूबर को मुवत्तुपुझा में आयोजित किया जाएगा।
समिति सदस्य कोडिकुन्निल सुरेश सांसद के नेतृत्व में पलक्कड़ मार्च की शुरुआत केपीसीसी अध्यक्ष सनी जोसेफ विधायक थ्रीथला में करेंगे। कासरगोड से केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष के. मुरलीधरन मार्च का नेतृत्व करेंगे, जिसे कान्हांगड में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीसन हरी झंडी दिखाएंगे।
यूडीएफ संयोजक और सांसद अदूर प्रकाश के नेतृत्व में तिरुवनंतपुरम मार्च का शुभारंभ एआईसीसी सदस्य रमेश चेन्निथला गांधी पार्क से करेंगे, जबकि एआईसीसी सदस्य बेनी बेहानन सांसद के नेतृत्व में मुवत्तुपुझा मार्च 15 अक्टूबर को शुरू होगा, जिसका शुभारंभ एआईसीसी महासचिव दीपा दास मुंशी करेंगी।
18 अक्टूबर को पंडालम में एक भव्य समापन सत्र के समापन से पहले सभी चारों जत्थे 17 अक्टूबर को चेंगन्नूर में एकत्रित होंगे, जिसे प्रतीकात्मक रूप से चुना गया है क्योंकि यह भगवान अयप्पा के निवास स्थान सबरीमाला मंदिर के पारंपरिक प्रवेश द्वार का प्रतिनिधित्व करता है।
पार्टी नेताओं ने सबरीमाला में सोने की चोरी को आस्था और जनता के भरोसे के साथ बड़ा विश्वासघात बताया। उन्होंने सरकार पर इस मुद्दे को छिपाने की कोशिश करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
श्री विष्णुनाथ ने कहा, "इतने गंभीर मामले पर सरकार की चुप्पी ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को गहरा ठेस पहुँचायी है। इन मार्चों के माध्यम से, हम सबरीमाला की पवित्रता की रक्षा करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य की पुनः पुष्टि करना चाहते हैं।"केपीसीसी को विश्वास संरक्षण जत्थों में राज्य भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं के भारी संख्या में शामिल होने की उम्मीद है। पार्टी नेतृत्व इस आंदोलन को केवल एक राजनीतिक विरोध के रूप में नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक आह्वान के रूप में देख रहा है। जो आस्था की रक्षा, अखंडता को बनाए रखने और केरल की प्रिय मंदिर परंपराओं को संरक्षित करने का एक सामूहिक संकल्प है।
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