हैदराबाद , नवंबर 26 -- विमान इंजन बनाने वाली फ्रांस की कंपनी सफरान ने साल 2030 तक भारत से अपना राजस्व तीन गुना करने का लक्ष्य रखा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बुधवार को यहां सफरान के एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयर, ओवरहॉल) सेंटर के उद्घाटन के मौके पर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओलिवियर एंड्रीस ने यह बात कही। सीएमएफ इंटरनेशनल लीप इंजन के लिए यह सफरान का सबसे बड़ा एमआरओ केंद्र है।
श्री एंड्रीस ने कहा, " हैदराबाद में लीप और एम88 इंजन के लिए बने दो नए एमआरओ केंद्र - और बीईएल के साथ हमारा नया संयुक्त उपक्रम - हमारे ग्रुप के लिए भारत की अहमियत को दिखाते हैं। हमें भारत के नागरिक और रक्षा विमानन बाजार की तेज वृद्धि को समर्थन देने और देश की मेक इन इंडिया नीति और रणनीतिक स्वावलंबन में सक्रिय योगदान देने पर गर्व है। सफरान 2030 तक भारत में अपना राजस्व तीन गुना बढ़ाकर तीन अरब यूरो से ज़्यादा कर देगा, जिसमें से आधा भारत में हमारे केंद्रों से आयेगा। इसके साथ ही हम देश में अपनी खरीद को पांच गुना बढ़ा देंगे।"नए लीप इंजन एमआरओ केंद्र में कुल 20 करोड़ यूरो का निवेश किया गया है और यह 2026 में चालू हो जायेगा। कुल 45,000 वर्ग मीटर में बने इस केंद्र में साल में 300 लीप इंजन की मरम्मत हो सकेगी। इसमें नेक्स्ट-जेनरेशन टेस्ट बेंच भी होगा। एयरबस ए320निओ और बोइंग 737 मैक्स सहित ज्यादातर लेटेस्ट-जेनरेशन नैरोबॉडी एयरक्राफ्ट में सीएमएफ के लीप इंजन हैं।
भारत सीएमएफ का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है। पांच भारतीय विमान सेवा कंपनियों ने 400 से ज़्यादा लीप इंजन वाले विमानों और 2,000 इंजन के ऑर्डर दिये हैं। सफरान ने बताया कि फिलहाल इस केंद्र में 250 से ज़्यादा लोगों को रोजगार मिला है और पूर्ण क्षमता के साथ ऑपरेशन शुरू होने पर यह संख्या बढ़कर 1,100 हो जायेगी। यहां एक प्रशिक्षण केंद्र भी होगा जिसमें हर साल 100 से ज़्यादा भारतीय टेक्नीशियन और इंजीनियर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। सफरान ने एक दासो एविएशन के राफेल सैन्य विमानों के एम88 इंजन के लिए भी एक समर्पित एमआरओ केंद्र की घोषणा की है। हैदराबाद में, लीप इंजन केंद्र के पास पांच हजार वर्ग मीटर में फैला यह केंद्र चार करोड़ यूरो से ज़्यादा के निवेश से तैयार होगा। यह हर साल 600 से ज़्यादा इंजन के एमआरओ में सक्षम होगा और पूरी क्षमता पर 150 लोगों को नौकरी देगा।
भारतीय वायुसेना के अलावा यह दूसरे ग्राहकों को भी एम88 इंजनों के एमआरओ की सेवा देगा। भारत ने हाल ही में 26 राफेल नौसैन्य संस्करण का ऑर्डर दिया है। इसके अलावा पहले से 36 राफेल और 47 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों में एस88 इंजन लगे हैं।
इसके अलावा, 24 नवंबर को सफरान ने सैफरन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस के "हैमर" मॉड्यूलर एयर-टू-सरफेस वेपन को बनाने के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ एक संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए समझौता किया था।
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