जालंधर , नवंबर 29 -- पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं विधायक परगट सिंह ने शनिवार को केंद्र सरकार द्वारा शीतकालीन सत्र में पेश किये जाने वाले शिक्षा आयोग विधेयक, परमाणु ऊर्जा विधेयक, बिजली विधेयक, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण विधेयक और चंडीगढ़ विधेयक को पंजाब के खिलाफ करार दिया है।

श्री सिंह ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी और भाजपा इन पांचों विधेयकों, खासकर चंडीगढ़ विधेयक को लेकर पंजाब के लोगों को गुमराह कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान भले ही दावा कर रहे हों कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ विधेयक वापस ले लिया है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। सिर्फ़ कुछ कहना ही काफी नहीं है।

श्री सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है और रहेगी, क्योंकि पंजाब राज्य का मालिक है। हमारा कानून कहता है कि जब कोई राज्य किसी दूसरे राज्य से अलग होता है, तो वह अपनी राजधानी स्थापित करता है। वास्तविक राजधानी उसी राज्य के पास रहती है। तो पंजाब के लिए स्थिति अलग क्यों है? क्या पंजाब के अलावा कोई और हितधारक नहीं है? भाजपा और आम आदमी पार्टी, दोनों ही पंजाब के लोगों को गुमराह कर रही हैं।

श्री सिंह ने पंजाब के मुद्दों पर नकली सत्र आयोजित करने पर भी कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ विधानसभा सत्र आयोजित करना बेहद निंदनीय है। आम आदमी पार्टी को पंजाब के गंभीर मुद्दों का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए। ऐसा करके आम आदमी पार्टी ने साबित कर दिया है कि राजनीति का बौद्धिक स्तर गिर रहा है। पंजाब विधानसभा सत्र की शुरुआत ही तानों से होती है और असली मुद्दों पर कोई बहस नहीं होती। विपक्ष को बोलने का समय भी नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि आप सरकार इस तरह विधानसभा का मज़ाक उड़ाना बर्दाश्त नहीं करेगी।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित