लखनऊ , नवम्बर 26 -- उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा और मार्गदर्शन में संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को राजभवन में एक गरिमामय कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस दौरान राजभवन में कार्यरत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पठन करते हुए संविधान के प्रति निष्ठा, नीतिपरायणता और कर्तव्यपालन की शपथ ली। संविधान दिवस पर आयोजित यह सामूहिक संकल्प न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बना, बल्कि भारतीय गणतंत्र की आदर्श भावना को भी पुनः स्मरण कराने वाला क्षण रहा।
कार्यक्रम के दौरान महिला अधिकारियों ने भारतीय संविधान की विशेषताओं, उसके महत्व और संविधान निर्माण में महिलाओं की ऐतिहासिक भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने बताया कि संविधान सभा में सरोजिनी नायडू, हंसा मेहता, दुर्गाबाई देशमुख जैसी महिला सदस्यों ने महिलाओं की शिक्षा, समानता, गरिमा और अधिकारों को संवैधानिक स्वरूप दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
संविधान दिवस कार्यक्रम को ज्ञानवर्धक बनाने के उद्देश्य से भारतीय संविधान के इतिहास, निर्माण प्रक्रिया, प्रमुख अनुच्छेदों, मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों से संबंधित एक विशेष प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। इसके साथ ही पीपीटी और वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से संविधान निर्माताओं के योगदान और संविधान की प्रमुख विशेषताओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। उपस्थित अधिकारियों ने इन प्रस्तुतियों को अत्यंत उपयोगी और प्रेरक बताया।
कार्यक्रम में ''हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान'' शीर्षक से एक विशेष सेल्फी प्वाइंट भी स्थापित किया गया, जिसने संविधान के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को अभिव्यक्त करने का आकर्षक माध्यम प्रदान किया। अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में इस सेल्फी प्वाइंट पर तस्वीरें लेते नजर आए।
भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के इस विशेष अवसर ने राजभवन परिवार को संविधान के आदर्शों को व्यवहार में उतारने और राष्ट्रहित में अपने दायित्वों का ईमानदारी से पालन करने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम में विशेष कार्याधिकारी राज्यपाल (अपर मुख्य सचिव स्तर) डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डॉ. पंकज एल. जानी, विशेष सचिव श्रीप्रकाश गुप्ता सहित सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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