संयुक्त राष्ट्र, सितंबर 26 -- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया के सामने यह साबित करने का प्रयास किया कि भारत ने एक मानवीय त्रासदी का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की और उनके देश पर बिना किसी उकसावे के हमला किया।
श्री शरीफ ने मई महीने में पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारत की सैन्य कार्यवाही का उल्लेख करते हुए कहा ," नियति ने जो निर्धारित कर रखा था पाकिस्तान ने इस तरह उसका जवाब दिया।"उन्होंने डींग भरते हुए कहा ," दुश्मन गुरुर में डूबा हुआ आया और हमने उसको शर्मसार करके वापस भेज दिया, उसकी नाक तोड़ दी।"श्री शरीफ ने पहलगाम आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए कहा " पाकिस्तान ने उसकी अंतरराष्ट्रीय जांच करने और उसमें सहयोग करने का प्रस्ताव किया था लेकिन भारत में पेशकश को ठुकरा दिया और हमारे शहरों तथा निर्दोष नागरिकों को अपने हमले का निशाना बनाया।"उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने अपनी भौगोलिक सीमाओं के उल्लंघन का पेशेवराना अंदाज में जवाब देकर दुश्मन को पीछे धकेल दिया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनके देश की जवाबी कार्रवाई में भारत के सात जेट विमान धूल और मालबा बन गए।
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले में पाकिस्तान की शह पर आए आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की धर्म पूछकर हत्या कर दी थी। उसके जवाब में भारतीय सेनाओं ने 06 और 07 मई की रात पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में कई आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया था।
पाकिस्तान सेना ने भारत के खिलाफ प्रक्षेपास्रों और ड्रोन से हमला करने का प्रयास किया जिसे विफल करते हुए भारतीय सेनाओं ने उसकी वायु रक्षा प्रणाली को पंगु बना दिया था और कई वायु सैनिक अड्डों को तबाह कर दिया था।
पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक ने 10 मई को तड़के भारत के अपने समकक्ष के सामने युद्ध विराम का प्रस्ताव किया था और उसी दिन शाम को युद्ध विराम की घोषणा की गई थी।
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