भुवनेश्वर , नवंबर 24 -- केद्र सरकार ने मध्यप्रदेश में प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर संबलपुर चिड़ियाघर में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने का निर्णय लेते हुए इसे मध्यम आकार के चिड़ियाघर में बदलने की योजना की घोषणा की है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को चिड़ियाघर में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखते हुए यह घोषणा की।
श्री प्रधान ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने हाल ही में चिड़ियाघर को उन्नत करने का निर्णय लिया है और लगभग पांच करोड़ रुपये के आवंटन के साथ विकास का पहला चरण शुरू हो चुका है।
केंद्रीय मंत्री ने विस्तार के अंतर्गत बाघ बाड़े, मगरमच्छ बाड़े और घड़ियाल बाड़े की आधारशिला रखी। उन्होंने संबलपुर चिड़ियाघर को ओडिशा के प्रमुख पर्यटन एवं वन्यजीव आकर्षणों में से एक बनाने के सरकार के दृष्टिकोण की घोषणा की।
गौरतलब है कि चिड़ियाघर को छोटे चिड़ियाघर से मध्यम आकार के चिड़ियाघर में परिवर्तित करने का एक नीतिगत निर्णय लिया गया है। इसके लिए जिला प्रशासनविभिन्न सरकारी विभागों की लगभग 35 हेक्टेयर भूमि को सम्मिलित कर रहा है। भविष्य में विकास की निगरानी करने के लिए संबलपुर चिड़ियाघर प्राधिकरण की स्थापना की भी योजना है।
वर्तमान में, चिड़ियाघर में मेलेनिस्टिक (काले) बाघ हैं, जिन्हें आगंतुक एक कांच के बाड़े से देख सकते हैं। नए कांच के बाड़े के निर्माण के साथ अधिकारियों की योजना दो जोड़े रॉयल बंगाल टाइगर्स को यहां लाने की है। वर्तमान में चिड़ियाघर में 70 से ज़्यादा जानवर एवं पक्षी हैं और अतिरिक्त प्रजातियों, खासकर पक्षियों, को रखने के लिए और जगह बनायी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये पहल वन्यजीव संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इसके स्वरूप में बदलाव होने के बाद, चिड़ियाघर के राष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनने की उम्मीद है, जो बाघ, मगरमच्छ और घड़ियाल जैसी दुर्लभ प्रजातियों को देखने के इच्छुक पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
उन्होंने कहा कि चिड़ियाघर पर्यावरण शिक्षा के लिए खुले स्कूल के रूप में कार्य करते हैं, जिससे छात्रों एवं आम लोगों को जानवरों के बारे में गहराई से जानने में मदद मिलती है। नए बाड़े वन्यजीव संरक्षण के महत्व के बारे में और जागरूकता बढ़ाएंगे। पर्यटन में वृद्धि से स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी तथा स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
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