संतकबीरनगर, अक्टूबर 14 -- उत्तर प्रदेश में संतकबीरनगर जिले के जिलाधिकारी आलोक कुमार ने जिले के छह अधिकारियों का वेतन बाधित करने के साथ ही 34 अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
जिलाधिकारी ने अपने मातहतों पर यह कार्रवाई आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्रों के निस्तारण में फरियादियों के संतुष्टि का फीडबैक 50 प्रतिशत से कम पाए जाने व प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निस्तारण न करने पर डिफाल्टर की श्रेणी में जाने पर की है।
श्री कुमार ने यहां बताया कि आईजीआरएस पोर्टल पर अपलोड शिकायती प्रार्थना पत्रों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किये जाने तथा डिफाल्टर तिथि से तीन दिन पूर्व निस्तारण किये जाने के स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं। माह सितम्बर में बार-बार अवगत कराने के बाद भी कुछ अधिकारियों द्वारा द्वारा आईजीआरएस पोर्टल पर अपलोड/प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्रों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नहीं किया जा रहा है जिससे फरियादियों/शिकायतकर्ताओं की संतुष्टि का फीडबैक 50 प्रतिशत से भी कम प्राप्त हुआ है।
उन्होंने बताया कि आईजीआरएस के प्रकरणों के निस्तारण में गुणवत्ता का अभाव के फलस्वररूप शिकायतकर्ता के फीडबैक असंतुष्ट पाए जाने (80 प्रतिशत से अधिक प्राप्त असंतुष्ट फीडबैक वाले अधिकारियों) तथा प्रकरण का निस्तारण ससमय न करने के कारण डिफाल्टर की श्रेणी में जाने को गंभीरता से लेते हुए औषधि निरीक्षक संत कबीर नगर, चकबंदी अधिकारी धनघटा, खण्ड शिक्षा अधिकारी बेलहरकला, अधिशाषी अधिकारी बाघनगर उर्फ बखिरा, प्रभारी चिकित्साधिकारी पौली एवं जिला पंचायत राज अधिकारी का अक्टूबर माह का वेतन बाधित करने का निर्देश दिया है।
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