पटना , नवंबर 28 -- बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने शुक्रवार को विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, खेल प्राधिकरण, खेल विश्वविद्यालय एवं बिहार खेल अकादमी के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की।

बैठक में खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव ने मंत्री के समक्ष विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि कुल 668 करोड़ रुपये के बजट में से 498 करोड़ रुपये का व्यय भवन निर्माण, खेल अवसंरचना विकास, अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों, एकलव्य केंद्रों, ओपन जिम, मल्टी जिम तथा जिला एवं पंचायत स्तर के खेल मैदानों के निर्माण पर किया गया है।

अपर मुख्य सचिव ने एकलव्य केंद्रों की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया कि इन केंद्रों में बच्चों को आवासीय सुविधा के साथ विद्यालयीय शिक्षा के दौरान खेल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रत्येक जिले में वहां के लोकप्रिय खेलों के आधार पर एकलव्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुल 64 केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 54 केंद्र विभिन्न खेल विधाओं में सफलतापूर्वक कार्यरत हैं।

मंत्री सुश्री सिंह ने इन केंद्रों के संचालन एवं व्यवस्था की भी विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य के पदक विजेता खिलाड़ियों की बिहार सरकार की सेवाओं में नियुक्ति की स्थिति की जानकारी ली और कहा कि इससे राज्य में खेल को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।

अपर मुख्य सचिव ने खेल छात्रवृत्ति योजना के विषय में बताया कि यह योजना खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभा रही है तथा इसे तीन स्तरों में प्रदान किया जा रहा है।

बैठक में 'मशाल' प्रतियोगिता की भी समीक्षा की गई, जिसके तहत पिछले डेढ़ वर्ष में बिहार के सभी जिलों एवं प्रखंडों में लगभग 16 लाख विद्यार्थियों का बैटरी टेस्ट किया गया है। पंचायत स्तर पर मनरेगा के माध्यम से खेल मैदानों के निर्माण की भी समीक्षा की गई। कुल 5425 मैदान सूचीबद्ध किए गए हैं, जिनमें से 4662 मैदान पूर्ण हो चुके हैं तथा 763 मैदान तीव्र गति से निर्माणाधीन हैं।

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