जम्मू , अक्टूबर 01 -- श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) द्वारा पावन शारदीय नवरात्र के दौरान आयोजित नौ दिवसीय पवित्र शतचंडी महायज्ञ महानवमी के अवसर पर अपार आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति के साथ संपन्न हुआ।

वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूर्णाहुति समारोह संपन्न हुआ।

एसएमवीडीएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुमार वैश्य, श्राइन बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों ने समापन अनुष्ठानों में भाग लिया।

पद्मश्री प्रोफेसर विश्वमूर्ति शास्त्री के नेतृत्व में विद्वान पंडितों के एक समूह द्वारा महायज्ञ का संचालन किया गया, जिसने आध्यात्मिक प्रक्रिया में पवित्रता और गहराई प्रदान की। नवरात्रों के दौरान देश-विदेश से श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा देखा गया, जिसने पवित्र तीर्थस्थल के आध्यात्मिक आकर्षण की पुष्टि की। शुभ नवरात्र के दौरान, श्राइन बोर्ड ने रियासी जिला प्रशासन के सहयोग से तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए एक समर्पित पहल, सेवा पर्व का भी आयोजन किया।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल एवं एसएमवीडीएसबी के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई और सेवा पर्व की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे पवित्र उत्सवों के दौरान समावेशी और सार्थक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड की प्रतिबद्धता और भी प्रेरित और सुदृढ़ हुई।

तीर्थयात्रियों के अनुभव को समृद्ध बनाने के लिए, श्राइन बोर्ड ने ट्रैक पर तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए प्रमुख स्थानों पर समर्पित हेल्प डेस्क की स्थापना सहित कई पहल भी शुरू कीं। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों की सुविधा और आराम सुनिश्चित करने के लिए श्राइन बोर्ड द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई। इनमें भवन, अटका और आसपास के क्षेत्रों में सजावटी पुष्पांजलि, ट्रैक और भवन परिसर में निर्बाध जल और बिजली आपूर्ति, बेहतर स्वच्छता और स्वास्थ्य उपाय, और श्राइन बोर्ड के भोजनालयों और लंगरों में विशेष "व्रत- संबंधी" भोजन शामिल थे। श्रद्धालुओं ने श्राइन बोर्ड के विभिन्न लंगरों में निःशुल्क भोजन का भी लाभ उठाया। भवन क्षेत्र और ट्रैक के अन्य क्षेत्रों को आकर्षक प्रकाश व्यवस्था से सजाया गया था, जबकि आवास, बैटरी चालित वाहन, यात्री रोपवे और हेलीकॉप्टर सेवाएँ जैसी सुविधाएँ सुचारू रूप से संचालित हुईं।

समारोह का एक प्रमुख आकर्षण भवन और अर्धकुंवारी में प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मधुर भजन और भेंटों की श्रृंखला थी। एसएमवीडी गुरुकुल के छात्रों ने भी अपनी भक्तिमय प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया, जिसमें परंपरा और युवा जोश का सम्मिश्रण था और आध्यात्मिक वातावरण को और भी समृद्ध बनाया।

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