श्री आनंदपुर साहिब , नवंबर 23 -- नौवें सिख गुरु साहिब एवं 'हिंद दी चादर' श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित समागमों के हिस्से के रूप में पंजाब सरकार की ओर से आयोजित प्रभावशाली ड्रोन शो से पवित्र नगरी श्री आनंदपुर साहिब का आसमान प्रकाशमान हो उठा।
यह अनूठा हवाई शो धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय अधिकारों की खातिर गुरु साहिब एवं उनके अनुयायियों की अनुपम शहादत के प्रति गहरी श्रद्धांजलि थी।
इस ड्रोन प्रदर्शनी ने गुरु साहिब और उनके पैरोकारों की शहादत से जुड़े संपूर्ण दृश्यों को श्रद्धा और सूक्ष्मता से दर्शाते हुए प्रकाश एवं गति के अनोखे क्रम के जरिए ऐतिहासिक वृत्तांत को प्रस्तुत किया। शो की शुरुआत मुगल शासक औरंगजेब के जालिम शासन के चित्रण से हुई, जिसके द्वारा सभी को इस्लाम धर्म में शामिल करने की इच्छा के कारण जजिया कर लगाने और जबरन धर्म परिवर्तन सहित बड़े पैमाने पर अनेकों अत्याचार किए गए थे।
धर्म की रक्षा के लिए श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी की शरण में आए कश्मीरी पंडितों की दयनीय स्थिति को ठोस रूप में प्रस्तुत किया गया तथा ऑडियो के द्वारा "जो सरण आवै तिसु कंठ लावै" (जो कोई शरण में आता है, मैं उसे गले लगा लेता हूँ) के सिद्धांत के प्रति गुरु साहिब की दृढ़ प्रतिबद्धता को उजागर किया गया।
ड्रोन शो में दिल्ली के चांदनी चौक में यातनाएं देकर गुरु के अनुयायिओं को शहीद करने के वृत्तांत को दर्शाया गया। भाई मती दास जी को जीते जी आरे से चीरकर शहीद करने के दृश्य को ड्रोनों के साथ-साथ दिल को झकझोर देने वाली ऑडियो से जीवंत कर दिया गया। इसी तरह ड्रोंनो के द्वारा भाई दयाला जी को जिंदा उबालने के अद्भुत साहस और भाई सती दास जी, जिन्हें रूईं में लपेटकर जिंदा जला दिया गया था, उनकी शहादत को भी पूर्ण श्रद्धा के साथ प्रस्तुत किया गया।
शो के अंत में श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की शहादत का गंभीर चित्रण किया गया। ड्रोनों के माध्यम से गुरु साहिब द्वारा अपने सिद्धांतों को त्यागने से इनकार करने और मानवीय मूल्यों-गरिमा के लिए उनकी शहादत को श्रद्धा एवं गंभीरता के साथ प्रस्तुत किया गया तथा ऑडियो के जरिए जल्लाद द्वारा गुरु साहिब के पवित्र शीश को धड़ से अलग करने से ठीक पहले के अंतिम क्षणों का वर्णन किया गया।
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