अयोध्या , नवंबर 25 -- उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के ऊपर फहरायी गई पवित्र ध्वजा गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देती है तथा रामराज्य के आदर्शों का प्रतीक मानी जाती है। यह धर्म ध्वजा पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में निर्मित मंदिर के ''शिखर'' पर फहराई गई है।

विशेषज्ञों के अनुसार ये धर्म ध्वजा समकोण त्रिभुजाकार की है। इसकी ऊंचाई 11 फुट और लंबाई 22 फुट है। ध्वज पर उकेरा गया दीप्तिमान सूर्भगवान राम के तेज और वीरता का प्रतीक माना जाता है। इस पर 'ॐ' का चिन्ह और कोविदार वृक्ष की आकृति भी अंकित है। ये पवित्र भगवा ध्वज, राम राज्य के आदर्शों को प्रतिबिंबित करते हुए, गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा।

ध्वज का निर्माण अहमदाबाद के एक पैराशूट विशेषज्ञ ने किया है। दो से तीन किलोग्राम वजनी यह ध्वज 161 फीट ऊँचे मंदिर शिखर और 42 फीट ऊँचे ध्वजदंड पर लगने वाली हवाओं और मौसमीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है।

इस ध्वजा को अहमदाबाद के व्यवसाई भरत भाई मेवाड़ा ने बनाया है। ध्वजा का रंग केसरिया है जिसका वजन 15 किलो है। रेशम फैब्रिक्स के कपड़े से बना है। इस पर रघुकुल का राजसिंह कोविदार का वृक्ष अंकित है।

ध्वज पर अंकित तेजस्वी सूर्य भगवान राम के तेज, पराक्रम और दिव्य प्रभाव का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त 'ॐ' चिन्ह और वृक्ष की आकृति भी इस ध्वज पर उकेरी गई है, जो आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देती है।

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