गढ़चिरौली , अक्टूबर 15 -- महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) पोलित ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति ने बुधवार को अपने 60 साथियों के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण किया।
गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उसने आत्मसमर्पण किया। भूपति और उसके सहयोगियों ने औपचारिक रूप से अपने 54 हथियार मुख्यमंत्री को सौंपे जिनमें सात एके-47 और नौ इंसास राइफल शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने भूपति और उनके सहयोगियों का मुख्यधारा में स्वागत करते हुए उन्हें भारतीय संविधान की प्रतियां सौंपी जो लोकतांत्रिक समाज में उनके शामिल होने को प्रोत्साहित करने का एक प्रतीकात्मक संकेत है।
अधिकारियों ने इस घटना को नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में सबसे बड़ा आत्मसमर्पण कहा और इसे मध्य भारत में माओवादी विद्रोह के लिए एक बड़ा झटका करार दिया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और आज की घटना को उस उद्देश्य की प्राप्ति की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, भूपति भाकपा (माओवादी) का एक प्रमुख रणनीतिकार था और लंबे समय से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय था। हालांकि हाल के महीनों में कथित रूप से उसके माओवादी नेतृत्व के साथ वैचारिक मतभेद हो गए थे और उसने सशस्त्र संघर्ष से मोहभंग होने और इसके बदले बातचीत का रास्ता अपनाने की वकालत की थी।
माना जा रहा है कि भूपति ने स्वीकार किया है कि नक्सली आंदोलन को लोकप्रिय समर्थन नहीं मिला तथा सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपनी जान गंवा दी जिसे उसने निरर्थक हिंसा कहा। भाकपा (माओवादी) के महासचिव थिप्पीरी तिरुपति उर्फ देवजी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उनके विचारों का कड़ा विरोध किया जिसके बाद आंतरिक कलह उत्पन्न हो गया। दबाव में आकर भूपति ने संगठन छोड़ने का निर्णय लिया।
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