नयी दिल्ली , दिसंबर 19 -- अठारहवीं लोकसभा का छठे सत्र में आठ विधेयक पारित किये गये और इस दौरान सदन की कार्य-उत्पादकता 111 प्रतिशत रही।

एक दिसंबर को शुरू हुआ सत्र आज सम्पन्न हो गया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्र के समापन पर विदाई भाषण में आज बताया कि सत्र के दौरान 15 बैठकें हुईं। सत्र की कुल बैठक अवधि 92 घंटे और 25 मिनट थी। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान सदन की कार्य-उत्पादकता 111 प्रतिशत रही।

लोकसभा सचिवालय की ओर बताया गया कि सत्र के दौरान 10 सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए और आठ विधेयक पारित किए गए। पारित विधेयको में मणिपुर माल एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025, स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025, विनियोग (संख्यांक 4) विधेयक, 2025, निरसन और संशोधन विधेयक, 2025, सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा विधि का संशोधन) विधेयक, 2025, भारत के रूपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्धन विधेयक, 2025 और विकसित भारत - रोज़गार और आजीविका के लिए गारंटी मिशन (ग्रामीण): वी बी -जी राम जी (विकसित भारत-जी राम जी) विधेयक, 2025 शामिल है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ दिसंबर को राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम" के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में चर्चा की शुरुआत की। सदन ने इस विषय पर 11 घंटे 32 मिनट तक चर्चा की जिसमें 65 सदस्यों ने भाग लिया। इसी प्रकार नौ और दस दिसंबर को "चुनावी सुधार" के मुद्दे पर लगभग 13 घंटे तक चर्चा हुई जिसमें 63 सदस्यों ने भाग लिया। सत्र के दौरान 300 तारांकित प्रश्न गृहीत किए गए और 72 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। सत्र के दौरान कुल 3449 अतारांकित प्रश्न गृहीत किए गए।

उन्होंने बताया कि शून्य काल के दौरान सदस्यों द्वारा कुल 408 अविलंबनीय लोक महत्व के मामले उठाए गए और नियम 377 के तहत कुल 372 मामलों पर विचार किया गया। 11 दिसंबर को सदन में शून्य काल के दौरान 150 सदस्यों ने अपने मामले उठाए। सत्र के दौरान निदेश 73क के तहत 35 वक्तव्य और नियम 372 के तहत दो वक्तव्य दिए गए और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा एक वक्तव्य दिया गया। इस प्रकार, सत्र में कुल 38 वक्तव्य दिए गए।

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