पटना , नवंबर 28 -- शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के निर्देश पर उन प्रखंडों की पहचान की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जहां अब तक एक भी डिग्री महाविद्यालय नहीं है।

सरकार की मंशा है कि ऐसे सभी प्रखंडों में चरणबद्ध तरीके से डिग्री कॉलेज खोले जायें, जिससे उच्च शिक्षा हर विद्यार्थी तक पहुंच सके।

इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशक प्रो एनके अग्रवाल ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों से त्वरित रिपोर्ट मांगी है। विश्वविद्यालयों से पूछा गया है कि वर्तमान में किन- किन प्रखंडों में डिग्री कॉलेज संचालित हैं और उनकी स्थिति क्या है। इसके लिये तीन अंगीभूत कॉलेज, संबद्ध अनुदानित डिग्री कॉलेज और संबद्ध गैर-अनुदानित डिग्री कॉलेज श्रेणियों में जानकारी मांगी गई है।

दरअसल, वित्तीय वर्ष 2025- 26 के बजट अभिभाषण में सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जहां पहले से कोई अंगीभूत डिग्री कॉलेज संचालित या प्रस्तावित नहीं है, वहां एक- एक डिग्री महाविद्यालय (सरकारी या निजी) की स्थापना की जायेगी। इसी घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिये विश्वविद्यालयों को प्रखंडवार सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश भेजा गया है और उसी दिन सूची उपलब्ध कराने को भी कहा गया है। विभाग ने इसके लिए तीन अलग- अलग फॉर्मेट भी जारी किये हैं, जिससे जानकारी सुव्यवस्थित तरीके से प्राप्त हो सके।

सरकार का मानना है कि हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज की उपलब्धता होने से ग्रामीण और दूरदराज़ के छात्रों को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे।

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