देहरादून , दिसम्बर 22 -- उत्तराखंड के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को कहा कि वीबी-जी राम जी विधेयक ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, आजीवीका सृजन और विकसित देश के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

श्री जोशी ने आज सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में संवाददाता सम्मेलन यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से समय-समय पर योजनाएं लागू की जाती रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1989 में जवाहर रोजगार योजना की शुरुआत की गई थी। जिसे बाद में वर्ष 2001 में सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में शामिल किया गया। वर्ष 2006 में इसे नरेगा और 2009 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के रूप में लागू किया गया।

उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत ग्रामीण परिवारों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में अकुशल श्रमिकों को रोजगार मिला। ग्रामीणों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी और पीएम मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए हालांकि अब वीबी-जी राम जी योजना प्रारंभ होने जा रही है।

इस योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में स्थायी परिसंपत्ति निर्माण, जल से जुड़े कार्य, ग्रामीण आधारभूत ढांचे का विकास, आजीविका एवं कृषि संबंधी कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस नई योजना से एक वित्तीय वर्ष में 125 दिन का गारंटी युक्त रोजगार मुहैया कराया जाएगा।

पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर जैसे प्रदेशों के लिए केंद्र एवं राज्य के बीच धनराशि का अनुपात 90:10 होगा। उत्तराखंड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य में रिटर्निंग वॉल को अनुमन्य कार्यों की श्रेणी में शामिल किया गया है।

श्री जोशी ने कहा कि कृषि कार्यों के व्यस्त समय, जैसे बुवाई और कटाई के दौरान, राज्य सरकार वर्ष में कुल 60 दिन ऐसे निर्धारित कर सकेगी।जिनमें इस योजना के तहत कोई काम नहीं कराया जाएगा, ताकि खेती के लिए पर्याप्त श्रमिक उपलब्ध हो सकें और कृषि को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि योजना का लक्ष्य 2047 तक एक समृद्ध और मजबूत ग्रामीण भारत के लिए सशक्तिकरण, विकास और पूरी देखरेख के साथ बढ़ाया जायेगा।

जल जीवन मिशन के अधीन सृजित कार्यों की मरम्मत एवं रखरखाब किया जायेगा। उन्होंने योजना के नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की भी बात की है।

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